अखिलेश पर भड़कीं मायावती, कहा- जो खुद CM बनने का सपना पूरा नहीं कर सके, वो मुझे PM कैसे बनाते?
AajTak
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद अब नए राष्ट्रपति को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रिमो मायावती आमने-सामने हैं. अखिलेश यादव ने कहा कि वे भी चाहते थे कि मायावती देश की पीएम बनें. अब अखिलेश के इस बयान पर मायावती ने पलटवार किया है.
बसपा सुप्रिमो मायावती अखिलेश यादव के उस बयान पर भड़क गईं, जिसमें सपा अध्यक्ष ने कहा था कि वे भी चाहते थे कि मायावती पीएम बनें. मायावती ने अखिलेश यादव के बयान पर जवाब देते हुए कहा कि जो कई-कई पार्टियों से गठबंधन करके भी अपना सीएम बनने का सपना पूरा नहीं कर सके हैं, वे दूसरों को पीएम बनाने का सपना कैसे पूरा कर सकते हैं.
मायावती ने कहा, सपा मुखिया यूपी में मुस्लिम और यादव समाज का पूरा वोट लेकर और कई-कई पार्टियों से गठबंधन करके भी जब अपना सीएम बनने का सपना पूरा नहीं कर सके हैं, तो फिर वो दूसरों का पीएम बनने का सपना कैसे पूरा कर सकते हैं?
सपा का सीएम बनने का सपना कभी पूरा नहीं होगा- मायावती
मायावती ने कहा, ''इसके साथ ही, जो लोग लोकसभा आम चुनाव में बीएसपी से गठबंधन करते खुद 5 सीटें ही जीत सके हैं, तो फिर वो बीएसपी की मुखिया को कैसे पीएम बना पायेंगे? अतः इनको ऐसे बचकाने बयान देना बंद करना चाहिए.'' उन्होंने कहा, मैं आगे सीएम और पीएम बनूं या ना बनूं, लेकिन मैं अपने कमजोर और उपेक्षित वर्गों के हितों में देश का राष्ट्रपति कतई भी नहीं बन सकती हूं. अब यूपी में सपा का सीएम बनने का सपना कभी भी पूरा नहीं हो सकता है.
दो दिन पहले हुई विवाद की शुरुआत
मायावती और अखिलेश के बीच इस पूरे विवाद की शुरुआत दो दिन पहले हुई. अखिलेश यादव ने एक कार्यक्रम में कहा था कि बीजेपी ने बसपा का वोट तो हासिल कर लिया, क्या अब बीजेपी मायावती को राष्ट्रपति बनाएगी.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.