अंबेडकर जयंती पर अखिलेश का दलित दिवाली का दांव, क्या सियासी समीकरण साध पाएंगे?
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सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रदेश और देशवासियों से आह्वान किया कि 14 अप्रैल को बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती पर 'दलित दीवाली' मनाएं. माना जा रहा है कि यूपी में दलित वोटों का समीकरण साधने के लिए सपा प्रमुख ने यह दांव चला है, लेकिन इसमें वह कितना कामयाब होंगे?
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश और देशवासियों से आह्वान किया कि 14 अप्रैल को बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती पर 'दलित दीवाली' मनाएं. माना जा रहा है कि यूपी में दलित वोटों का समीकरण साधने के लिए सपा प्रमुख ने यह दांव चला है, क्योंकि अगले साल शुरूआत में ही विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में देखना होगा कि सूबे का दलित मतदाता क्या मायावती का साथ छोड़कर अखिलेश यादव के साथ आएगा? सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि भाजपा के राजनीतिक अमावस्या के काल में वो संविधान खतरे में है, जिससे बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर ने स्वतंत्र भारत को नई रोशनी दी थी. इसीलिए बाबा साहेब की जयंती 14 अप्रैल को समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश, देश व विदेश में 'दलित दीवाली' मनाने का आह्वान करती है. हालांकि, अंबेडकर जयंती को 'दलित दिवाली' के तौर पर मनाने को लेकर कुछ दलित संगठनों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा अंबेडकर साहेब को महज दलित नेता के तौर पर सीमित करना सही नहीं है.More Related News