अंबानी धमकी केस: सचिन वझे मुंबई पुलिस से बर्खास्त,हत्या का है आरोप
The Quint
Sachin Vaze| मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक सामग्री से लदी कार मिलने और कारोबारी मनसुख हिरेन की मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया था. It is being done so that an impartial investigation can be conducted in Mansukh Hiren death case
मुंबई पुलिस ने निलंबित सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे को मंगलवार को सेवा से बर्खास्त कर दिया. सचिन वाजे को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक सामग्री से लदी कार मिलने और कारोबारी मनसुख हिरेन की मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया था. मामले में नाम सामने आने के बाद वाजे को निलंबित कर दिया गया था, वहीं अब उसे पूरी तरह से सेवा से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है.मुंबई पुलिस की तरफ से जारी हुआ आदेशवाजे (49) फिलहाल न्यायिक हिरासत में है. वह पुलिस अधिकारी के तौर पर मुंबई शहर की कुछ सबसे बड़ी जांच का जिम्मा संभाल चुका है. वाजे की बर्खास्तगी का आदेश पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले द्वारा मंगलवार शाम को जारी किया गया.एनआईए ने दो संवेदनशील मामलों की जांच का जिम्मा संभालने के बाद 13 मार्च को उसे गिरफ्तार कर लिया था. मुंबई पुलिस के एक बयान में कहा गया है, यह आदेश आज पुलिस आयुक्त, ग्रेटर मुंबई द्वारा भारत के संविधान की धारा 311 (2) (बी) के प्रावधानों के तहत जारी किया गया है.क्या है पूरा मामला?24-25 फरवरी की रात दक्षिण मुंबई के पैडर रोड स्थित एंटीलिया के बाहर एक स्कॉर्पियो गाड़ी लावारिस खड़ी मिली थी. 25 फरवरी की दोपहर पुलिस ने कार से 20 जिलेटिन विस्फोटक की छड़ें बरामद की थीं. मामले की जांच उस समय मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच में तैनात सचिन वाजे ने अपने हाथ में ले ली थी.बाद में जांच एनआईए ने अपने हाथ में ले ली. पांच मार्च को इस स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन का शव बरामद हुआ. इसके बाद महाराष्ट्र एटीएस ने मनसुख की हत्या का मामला दर्ज करके जांच शुरू की. एनआईए ने 13 मार्च को सचिन वाजे को गिरफ्तार किया. बाद में दोनों मामलों की जांच एनआईए को ही सौंप दी गई.गौरतलब है कि एंटेलिया मामले के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक तूफान आ गया थाष महाराष्ट्र सरकार ने जब मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह का ट्रांसफर किया तो उसके बाद उन्होंने गृहमंत्री अनिल देशमुख पर यह आरोप लगाया कि वे वाजे को शहर से 100 करोड़ की वसूली करने को कहते थे. परमवीर सिंह के आरोपों के बाद राजनीति और गर्मा गई और अंतत: अनिल देशमुख को इस्तीफा देना पड़ा था.(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)...More Related News