Women Legal Rights in India: हर शादीशुदा महिला को पता होने चाहिए ये 4 कानूनी अधिकार
ABP News
Women Legal Rights in India: कभी लोक-लाज और समाज के डर से तो कभी खुद के अधिकारों की जानकारी ना होने की वजह से महिलाओं का उत्पीड़न होता है. आइए जानते हैं कि शादीशुदा महिलाओं के क्या अधिकार होते हैं.
Women Legal Rights in India : शादी एक ऐसा रिश्ता होता है, जो दो लोगों को ही नहीं बल्कि दो परिवारों को आपस में जोड़कर रखता है. इस बंधन को निभाने में जितनी जिम्मेदारी पत्नी की होती है, उतनी ही पति की भी होती है. लोग इस रिश्ते को मरते दम तक पूरी शिद्दत से निभाते हैं. एक-दूसरे का साथ, इज्जत और प्रेम जीवन के इस सफर को खूबसूरत बना देता है. हालांकि, कई बार ऐसा नहीं होता है. हमारे सामने ऐसे कई मामले आते हैं, जिनमें महिलाएं रिश्ते को बचाने के लिए अपने खिलाफ हो रहे अत्याचारों को सालों-साल सहती रहती हैं. कभी लोक-लाज और समाज के डर से तो कभी खुद के अधिकारों की जानकारी ना होने की वजह से महिलाओं का उत्पीड़न भी होता है. आइए जानते हैं कि शादीशुदा महिलाओं के अधिकार क्या होते हैं.
दहेज और उत्पीड़न के खिलाफ अधिकार आपने अक्सर ऐसे मामले सुने होंगे, जिसमें दहेज के चलते महिलाओं को काफी कुछ सहना पड़ता है. आपको बता दें कि हमारे देश में महिलाओं को Dowry Prohibition Act 1961 के तहत ये अधिकार दिया गया है कि अगर उसके पैतृक परिवार या ससुरालवालों के बीच किसी भी तरह के दहेज का लेन-देन होता है, तो वह इसकी शिकायत कर सकती हैं. वहीं, IPC (Indian Penal Code, 1860) की धारा 304B (दहेज हत्या) और 498A (दहेज के लिए प्रताड़ना) के तहत दहेज के लेन-देन और इससे जुड़े उत्पीड़न को गैर-कानूनी और अपराध बताया गया है.