Wheat Export Data: भारतीय गेहूं पर ये 10 देश हैं निर्भर, एक पड़ोसी देश भी देख रहा है राह!
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भारत ने भले ही गेहूं के निर्यात पर पाबंदियां (India Wheat Export Ban) लगा दी है, लेकिन पड़ोसी देशों और जरूरतमंद देशों को अभी गेहूं का निर्यात किया जा रहा है. हाल ही में भारत ने इंडोनेशिया और बांग्लादेश समेत कुछ देशों को 5 लाख टन गेहूं का निर्यात करने की मंजूरी दी है. इसके साथ ही केंद्र सरकार 12 लाख टन गेहूं का निर्यात करने की मंजूरी देने की तैयारी में है.
करीब एक दशक के बाद गेहूं फिर से भारत में चर्चा का केंद्र बना हुआ है. रूस और यूक्रेन के बीच महीनों से छिड़ी जंग (Russia-Ukraine War) ने दुनिया भर में खाने का संकट (Food Crisis) पैदा कर दिया है. चूंकि दोनों देश गेहूं के सबसे बड़े निर्यातकों (Wheat Exporters) में शामिल हैं, लड़ाई के चलते उनका निर्यात बाधित हुआ है और कई देशों के सामने गेहूं की कमी (Wheat Shortage) की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इस बीच गेहूं के दुनिया के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक देश भारत ने घरेलू उपलब्धता बनाए रखने के लिए गेहूं के निर्यात पर पाबंदियां लगा दी. इसने पहले से उपस्थित संकट को और गंभीर बना दिया.
गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है भारत
भारत भले ही गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक (India Wheat Production) है, लेकिन इसके निर्यात के मामले में भारत काफी पीछे है. भारत सामान्य तौर पर अफगानिस्तान (Afganistan), बांग्लादेश (Bangladesh), श्रीलंका (Srilanka) और नेपाल (Nepal) जैसे पड़ोसी देशों के अलावा संयुक्त अरब अमीरात (UAE), यमन (Yemen), ओमान (Oman), कतर (Qatar) जैसे खाड़ी देशों (Gulf Countries) को गेहूं बेचता है. इनके अलावा इंडोनेशिया (Indonesia) और मलेशिया (Malaysia) भी भारतीय गेहूं के प्रमुख खरीदार हैं. मौजूदा संकट में तुर्की (Turkey), मिस्र (Egypt) और इजरायल (Israel) जैसे देशों ने भी भारत से गेहूं की खरीदारी की है. चूंकि भारत आबादी के मामले में भी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है, इस कारण घरेलू खपत काफी ज्यादा है.
बैन के बाद भी पड़ोसी देशों को निर्यात
भारत ने भले ही गेहूं के निर्यात पर पाबंदियां (India Wheat Export Ban) लगा दी है, लेकिन पड़ोसी देशों और जरूरतमंद देशों को अभी गेहूं का निर्यात किया जा रहा है. हाल ही में भारत ने इंडोनेशिया और बांग्लादेश समेत कुछ देशों को 5 लाख टन गेहूं का निर्यात करने की मंजूरी दी है. इसके साथ ही केंद्र सरकार 12 लाख टन गेहूं का निर्यात करने की मंजूरी देने की तैयारी में है. इस छूट का फायदा भी बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल और अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देशों समेत पारंपरिक खरीदारों को मिल रहा है.
इतने भारतीय गेहूं का ऑर्डर कर चुका पड़ोसी देश
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