Vastu Tips: फर्नीचर खरीदते वक्त इन बातों का रखें ध्यान, नहीं होगा आर्थिक नुकसान
Zee News
फर्नीचर हमारे घर का अहम हिस्सा होते हैं. इसलिए अगर आप नया फर्नीचर बनवाने या खरीदने की सोच रहे हैं तो पहले यह जान लें कि वास्तु के अनुसार कौन सा फर्नीचर आपके घर के लिए सही रहेगा और किस दिन फर्नीचर नहीं खरीदना चाहिए.
नई दिल्ली: वास्तु शास्त्र में सिर्फ घर के निर्माण या दिशाओं से जुड़ी जानकारी ही मौजूद नहीं है बल्कि इसमें घर में रखे जाने वाले सामानों के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है. वास्तु शास्त्र () की मानें तो सिर्फ जीवित प्राणियों से नहीं बल्कि हर एक वस्तु से एक खास तरह की ऊर्जा (Energy) निकलती है जो हमारे जीवन को किसी न किसी तरह से प्रभावित करती है. यही कारण है कि वास्तु शास्त्र हमारे लिए बेहद अहम है क्योंकि इसकी मदद से हम यह जान सकते हैं कि किस चीज को कहां और किस दिशा में रखने से फायदा होगा. फर्नीचर (Furniture) हमारे घर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. इसलिए नया फर्नीचर खरीदने जा रहे हों तो वास्तु के हिसाब से जान लें कि आपको किन जरूरी बातों का ध्यान रखना है. अगर घर में रखे फर्नीचर को गलत दिशा या गलत तरीके से रख दिया जाए तो आपको आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. इसलिए नया फर्नीचर बनवाने या खरीदकर घर लाने से पहले कुछ नियमों को जान लें: 1. जहां तक बात नया फर्नीचर खरीदने की है तो मंगलवार, शनिवार और अमावस्या के दिन आपको भूल कर भी नए फर्नीचर की खरीदारी नहीं करनी चाहिए. इन 3 दिनों को फर्नीचर खरीदने के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. इन दिनों में खरीदा गया फर्नीचर घर में नकारात्मकता () लाने का कारण बन सकता है.Shagun Yojana: बेटियों की शादी पर सरकार दे रही 31,000 रुपये की मदद, जानिए- किस विभाग में मिलना होगा?
Shagun Yojana ki Jankari: राज्य सरकार की ओर से गरीब परिवारों को बेटियों की शादी पर शगुन दिया जाता रहा है. योजना का मुख्य उद्देश्य 18 वर्ष से अधिक आयु के बीपीएल परिवारों की लड़कियों और महिलाओं पर बेटियों की शादी का बोझ कम करके उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करना है.
How to apply for internship scheme: स्कीम के तहत पात्र उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पूरा करने वाले छात्र हैं. इनमें ITI प्रमाणपत्र रखने वाले, पॉलिटेक्निक संस्थानों से डिप्लोमा रखने वाले या स्नातक की डिग्री रखने वाले लोग शामिल हैं. इन्हें ही आवेदन करने की पात्रता है. यह कार्यक्रम विशेष रूप से 21 से 24 वर्ष की आयु के भारतीय नागरिकों के लिए डिजाइन किया गया है जो वर्तमान में फुल टाइम रोजगार या शिक्षा में नहीं हैं.