Singer KK Funeral: डियर केके, तूने क्यूं भला कह दिया अलविदा?
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Alvida KK: केके का इंडस्ट्री में पहला गाना माचिस फ़िल्म में आया. सन्नाटे के बीच उसका 'छोड़ आये हम...' कहना अंदर तक झकझोर देता था. मगर हम सभी ने केके को जानना शुरू किया जब उसने सलमान ख़ान को अपनी आवाज़ दी. 'तड़प-तड़प के इस दिल से...'. और यहां से वो हम सब का साथी बन गया.
हमने गाने सुनने की शुरुआत की तो रेडियो सामने था. होते करते मामला सीडी-डीवीडी से बढ़ता हुआ फ़ोन के मेमोरी कार्ड तक आ पहुंचा. लेकिन केके हर मौके पे मौजूद था. यहां ऐसा लगेगा कि केके के लिये 'थे' की जगह 'था' का इस्तेमाल किया गया और ये बेअदबी है. लेकिन सच ये है कि केके अपना आदमी था. उसकी आवाज़ में अपनापन था. ऐसा लगता था कि बस कोई दोस्त ही है जो गा रहा है. और शायद यही वजह है कि केके का हमने कभी लोड नहीं लिया. हमने कभी केके को कुमार सानू या उदित नारायण सरीखा न देखा न समझा. न कहीं अवॉर्ड फ़ंक्शनों की चमक में दिखा, न किसी रियेलिटी शो का लम्बा हिस्सा रहा. क्यूंकि केके ऐसी फ़ीलिंग देता था कि वो अपने जैसा है. जब वो कहता था 'एक दिन उसे भुला दूंगा मैं, उसके निशां मिटा दूंगा मैं...' तो हॉस्टल में हल्ला कट जता था. वो एक साथ इतने सारों की आवाज़ होता था. और ये कृष्णकुमार कुन्नथ की सबसे बड़ी ताक़त थी. मेकेनिकल का हिमांशु हर बार बस एक ही वाक्य कहता था - "सिंगर तो बस एक केके है. बाकी सब *अपशब्द* हैं!"
केके का इंडस्ट्री में पहला गाना माचिस फ़िल्म में आया. सन्नाटे के बीच उसका 'छोड़ आये हम...' कहना अंदर तक झकझोर देता था. मगर हम सभी ने केके को जानना शुरू किया जब उसने सलमान ख़ान को अपनी आवाज़ दी. 'तड़प-तड़प के इस दिल से...'. और यहां से वो हम सब का साथी बन गया. लेकिन फ़िल्मफेयर मिला उदित नारायण को (इसी फ़िल्म के गाने 'चांद छुपा' के). लेकिन उसकी असली पारी शुरू हुई छोटे शहर के बड़े बाल रखने और ढीली जींस पहनने वाले लड़कों की आवाज़ बनके. इमरान हाशमी की आवाज़ बनके. ये उतना ही अच्छा कॉम्बिनेशन था जितना सटीक सलमान और बालासुब्रमनियम का कॉम्बो हुआ करता था. केके और इमरान हाशमी की जोड़ी ने बहुत बड़ी भीड़ को राह दिखाई. उन्हें ये अहसास दिलाया कि वो भले ही कथित सोसायटी की नज़र में लफ़ंगे हों, किसी से प्यार करने का उन्हें भी उतना ही हक़ है और वो बाकायदे ऐसा कर सकते हैं.
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इस कल्ट की शुरुआत पर उंगली नहीं रखी जा सकती. लेकिन इसका ज़िक्र आते ही बार स्टूल पर बैठे इमरान हाशमी दिखते हैं. उस वक़्त केके कह रहे थे, 'आंखों से पढ़के तुझे, दिल पे मैंने लिखा...' हमने इस गाने को ऐंथम में तब्दील होते हुए देखा है. जन्नत, आशिक़ बनाया आपने, गैंग्स्टर, तुम मिले उन फ़िल्मों में से एक हैं जिसमें इमरान हाशमी को केके ने अपनी आवाज़ दी और वो गाने आज भी एक बहुत बड़ी जमात की प्लेलिस्ट का हिस्सा हैं.
केके के बारे में गीतकार राज शेखर ने अपने पेज पर लिखा, "बहुत ही प्यारा इंसान! किसी के जाने के बाद अक्सर ऐसा कहा जाता है, पर उनके रहते हुए भी लोग ऐसा ही कहते थे." द कपिल शर्मा शो में पलाश सेन और शान ने भी केके के बारे में ठीक ऐसी ही बातें कहीं. असल में, हर कोई ऐसा ही कह रहा है और कह रहा था. और यही बातें थीं जिसने केके को इतना अंडररेटेड और लगभग अज्ञात बनाया हुआ था. आप जब भी केके का नाम सुनते थे तो उसके गाने ज़हन में आते थे, उसकी कोई तस्वीर या कोई हरकत नहीं.
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