Raaj Ki Baat: विकास के सपने दिखाती राजनीतिक पार्टियों के बीच चल रही है जातीय समीकरण साधने की होड़
ABP News
Raaj Ki Baat: राज की बात ये है कि बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के हर ओबीसी तक सीधे पहुंचने की कार्ययोजना तैयार की है. इसके तहत सभी बीजेपी जिलाध्यक्षों को एक बड़ा काम दिया गया है.
किसी भी राजनीतिक दल की सुनो, वह बात विकास की करेगा. टीवी डिबेट्स में बात नौकरी की होगी. बात महिला अधिकारों की होगी. घोषणापत्र गरीब की कुटिया से लेकर किसान के खेतों को सब्जबाग दिखाते नजर आएंगे. मगर असल और अंतिम लक्ष्य सभी का वोटों का गणित साधना ही होता है. वोटों के इसी गणित पर राज की बात उत्तर प्रदेश से है. वहां की नंबर एक पार्टी यानी सत्तासीन बीजेपी हो या फिर अपनी साख बचान के लिए संघर्षरत कांग्रेस तक सभी में जातीय समीकरण साधने की जैसे प्रतिभागिता चल रही है. उत्तर प्रदेश में चुनावी जीत के कई फार्मूले हैं. पिछले कुछ दशकों से कभी मुसलमान-यादव या फिर दलित-ब्राह्मण या फिर गैर यादव ओबीसी और अन्य जातियों का समुच्चय. 2017 के विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ब्रांड ने जातियों का बंटवारा काफी हद तक रोककर प्रचंड बहुमत से बीजेपी की सरकार बनवा दी थी. अब पिछले कुछ समय से लगातार कभी मुसलमान तो कभी पिछड़े और कभी ब्राह्मणों को लेकर ही सवाल उठ रह हैं. हमेशा विमर्श में रहने वाला दलित मुद्दा इस दफा यूपी चुनाव में इतना मुखर और प्रखर नहीं है. यहां तक कि सबसे बड़ा दलित चेहरा बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी अपने चुनाव निशान हाथी का महावत ब्राह्मण को बनाकर दलित-ब्राह्ण केमेस्ट्री खेलने का संकेत किया है.More Related News