PM मोदी ने लगवाई वैक्सीन, डॉ. नरेश त्रेहान बोले- 6 महीने में भारत को मिल सकती है हर्ड इम्युनिटी
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मेदांता अस्पताल के प्रबंध निदेशक डॉक्टर नरेश त्रेहान ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के इस कदम के बाद कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर भ्रम दूर हो जाएगा और साफ हो जाएगा कि कोवैक्सीन सुरक्षित है, लोगों को डरने की जरूरत नहीं है.
देश में कोरोना वैक्सीनेशन के दूसरे चरण की आज शुरुआत हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह-सुबह एम्स पहुंचकर कोरोना की स्वदेशी वैक्सीन 'कोवैक्सीन' की पहली डोज ली. पीएम मोदी के इस कदम की हर तरफ तारीफ हो रही है. इसके साथ ही एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि अब वैक्सीनेशन की रफ्तार और तेज होगी. मेदांता अस्पताल के प्रबंध निदेशक डॉक्टर नरेश त्रेहान ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के इस कदम के बाद कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर भ्रम दूर हो जाएगा और साफ हो जाएगा कि कोवैक्सीन सुरक्षित है, लोगों को डरने की जरूरत नहीं है, इस वैक्सीन का कोई बड़ा साइड इफेक्ट अब तक सामने नहीं आया है, केवल थकान या बुखार जैसी शिकायतें आई हैं.सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
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हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.