Narendra Dabholkar murder case: सुबह की सैर पर निकले दाभोलकर को मारी गईं थीं गोलियां, 11 साल बाद कोर्ट ने सुनाया फैसला
Zee News
Narendra Dabholkar murder case: मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने 20 गवाहों से पूछताछ की जबकि बचाव पक्ष ने दो गवाहों से पूछताछ की. अभियोजन पक्ष के मुताबिक आरोपियों ने नरेंद्र दाभोलकर की हत्या इसलिए की क्योंकि वह अंधविश्वास के खिलाफ अभियान चला रहे थे.
Narendra Dabholkar murder case: पुणे की एक विशेष यूएपीए अदालत ( UAPA court) ने शुक्रवार को 2013 में अंधविश्वास के खिलाफ लड़ने वाले डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के लिए दो लोगों को दोषी ठहराया. अदालत ने तीन अन्य को बरी कर दिया. दो हमलावरों, शरद कालस्कर और सचिन अंदुरे को दोषी ठहराया गया है. तीन अन्य आरोपियों, वीरेंद्रसिंह तावड़े, संजीव पुनालेकर और विक्रम भावे को बरी कर दिया गया क्योंकि अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने में विफल रहा.
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