Meditation : केवल सहजता के साथ शांत भाव से की प्रार्थना सफल कर सकती है यह जन्म, कैसे नियंत्रित करें इच्छाएं
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Meditation : ध्यान के तीन चरण होते हैं. प्रथम चरण में कहा जाता है कि सहज रूप से हृदय में ईश्वर प्रकार को देखें. दिमाग पर बिल्कुल जोर न दें.
Meditation : नर से नारायण होने का प्रयास यानी अपने सद्गुणों का विकास करने से ईश्वर अवश्य ही प्रसन्न हो सकते हैं. सहज ध्यान विधि से किसी भी परिस्थिति में तनाव रहित, संतुष्ट और आनंदमय जीवन जिया जा सकता है. ध्यान लगाने की यह एक ऐसी सरल-सहज विधि है, जो आम लोगों के लिए वरदान स्वरूप है. यह एक ऐसी पूजा है जिसमें ऊपरी किसी वस्तु यथा अगरबत्ती, दीपक, प्रसाद, माला आदि किसी की भी आवश्यकता नहीं पड़ती है.
सभी जानते हैं कि आत्मा परमात्मा का अंश है जैसे बूंद और समुद्र परंतु अनेक प्रकार के अच्छे-बूरे संस्कार और विचारों की भीड़ उस उज्जवल आत्मा को वैसे ही ढंक लेती है, जैसे राख की परत चिंगारी को ढंक लेती है. नाना प्रकार के सोच–विचार और दूसरों के क्रियाकलाप हमारी आत्मा को परेशान करते रहते हैं और हम दृढ़ संकल्प के अभाव में लाचार प्राणी की तरह जीवन को कोसते रहते है. हम अपने आप को दुखी और बीमार बना लेते हैं. नर से नारायण होने का प्रयास यानी अपने सद्गुणों के विकास करने में ईश्वर अवश्य ही प्रसन्न हो सकता है.