Live In Relationship पर हाई कोर्ट का बड़ा बयान, कहा- 'लिव इन को वैवाहिक बंधन का दर्जा नहीं'
Zee News
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि एक-दूसरे के प्रति कुछ तय कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का निर्वहन ही लिव-इन रिलेशनशिप को वैवाहिक संबंध के बराबर लाकर खड़ा करता है.
चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का कहना है कि सिर्फ इसलिए कि दो वयस्क महज कुछ दिनों तक साथ रहे हैं, सिर्फ ‘खोखली दलीलों’ के आधार पर यह तय करने के लिए पर्याप्त नहीं है कि दोनों वाकई लिव-इन संबंध में हैं.
कर्तव्यों का निर्वहन की रिश्ते को देगा वैधता: कोर्ट
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