LIVE: यूपी में कोरोना का सितम, 24 घंटे में 27 हजार से ज्यादा नए केस, लखनऊ में 6598 मामले
AajTak
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ इस वक्त कोरोना के विकराल रूप का सामना कर रही है. लखनऊ में हर दिन कोरोना के मामलों की संख्या बढ़ रही है और मौतों के आंकड़े में भी इजाफा हो रहा है.
कोरोना की ताजा लहर ने देश के हर हिस्से में अपना प्रकोप दिखाया है. इस बार उत्तर प्रदेश भी कोरोना की इस लहर का शिकार हुआ है. यहां राजधानी लखनऊ में तो हालात काफी ज्यादा बिगड़ गए हैं. यूपी में पिछले 24 घंटे में 27 हजार से ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं. जबकि लखनऊ में अस्पतालों में बेड्स और ऑक्सीजन के लिए मारामारी जारी है. यूपी में कोरोना मरीजों के आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं. पिछले 24 घंटे में प्रदेश में कोरोना के 27,426 नए केस सामने आए. राजधानी लखनऊ में कोरोना ने नया रिकॉर्ड बना लिया है. लखनऊ में रिकॉर्ड 6,598 नए केस दर्ज हुए तो प्रयागराज में 1,758, वाराणसी में 2,344 और कानुपर में 1,403 नए केस सामने आए हैं. इस दौरान प्रदेश में कुल 103 लोगों की मौत हो गई जिसमें लखनऊ से 35 लोग मारे गए.सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.
आज शाम की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 23 नवंबर 2024 की खबरें और समाचार: खबरों के लिहाज से शनिवार का दिन काफी अहम रहा है. महाराष्ट्र में नतीजे आने के बाद सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पर पर अपना दावा ठोका है. सीएम योगी ने यूपी उपचुनाव के नतीजों को पीएम मोदी के नेतृत्व की जीत बताया है.
हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.