Jawan Review: भरपूर एक्शन और इमोशन के साथ एक मैसेज, जिसमें इतना स्वैग शाहरुख ही ला सकते हैं!
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शाहरुख खान 'जवान' में वो सब डिलीवर करते हैं, जिसका वादा टीजर के समय से किया जा रहा था. फ़िल्म में एक्शन, इमोशन, हीरो के एलिवेशन वाले सॉलिड मोमेंट्स सबकुछ भरपूर हैं. फ़िल्म का मैसेज बहुत इम्पोर्टेन्ट है और शाहरुख इसे पूरे स्वैग में डिलीवर करते हैं.
शाहरुख खान के कई शानदार लुक्स, रॉ एक्शन, सॉलिड स्टारकास्ट और पर्दाफाड़ स्वैग की बौछार… 'जवान' के ट्रेलर में वो सबकुछ था जो एक पक्के इंडियन सिनेमा फैन को थिएटर जाने के लिए एक्साइटमेन्ट से भर देता है. और लंबे इंतजार के बाद फाइनली थिएटर में जाने के बाद फील होता है कि शाहरुख और डायरेक्टर एटली की जोड़ी ने जितना दिखाया था, उससे भी ज्यादा डिलीवर किया है.
'जवान' में शाहरुख के किलर लुक्स, स्क्रीन पर आग लगा देने वाले एक्शन सीन्स और इमोशंस तो हैं ही. लेकिन फिल्म की कहानी में कई ऐसी चीजें हैं जो एक दर्शक ही नहीं, इस देश के एक नागरिक के तौर पर आपको अपील करेंगे. पहले 45 मिनट में ही 'जवान' की स्क्रिप्ट में इतनी कहानी है, जो कई बार मसाला फिल्मों में पूरे तीन घंटे खर्च करने के बाद भी नहीं मिलती.
'जवान' की कहानी फिल्म की कहानी एक ट्रेन हाईजैक से शुरू होती है. हाईजैक करने वाले (बाल्ड लुक वाले शाहरुख) ने ट्रेन के 376 यात्रियों के बदले कृषि मंत्री से बात करने की डिमांड रखी है. वो कृषि मंत्री से एक अमाउंट मांगता है, जिसे 5 मिनट के अंदर अरेंज कर पाना सरकार के लिए भी पॉसिबल नहीं है! लेकिन हाईजैक हुई मेट्रो ट्रेन में एक बहुत बड़े "बिजनेस मैन" काली (विजय सेतुपति) की बेटी भी है. ट्रेन हाइजैक करने वाले की सलाह है कि जब सरकार बिजनेसमैन के कर्ज माफ कर सकती है, तो ट्रेन में फंसी जनता की जान बचाने के लिए भी उनसे मदद ले सकती है. ये पूरा एपिसोड खत्म होता है तो फिरौती में मिली रकम से 7 लाख किसानों के कर्ज माफ हो चुके होते हैं. ट्रेन हाईजैक करने में उस आदमी के साथ एक गर्ल गैंग भी है. उन सबकी अपनी कहानियां हैं.
कानून की नजरों में अपराधी बन चुका ये शख्स, जनता की नजर में हीरो बन जाता है. एक मॉडर्न रॉबिनहुड, जो बिजनेसमैन से पैसे लूटकर जनता की मदद कर रहा है. लेकिन क्या इस आदमी का ये एक्ट, जितना दिख रहा है उतना ही है? क्या इसके पीछे कोई और असल मकसद है?
ट्रेन हाईजैकिंग को रोकने का जिम्मा एक स्पेशल फोर्स को दिया गया है, जिसे ऑफिसर नर्मदा राय (नयनतारा) लीड कर रही हैं. नर्मदा एक सिंगल मदर हैं, लेकिन वो अपनी बेटी के लिए शादी करना चाहती हैं. उनकी लाइफ में एक महिला जेल के वार्डन आज़ाद (शाहरुख) की एंट्री होती है. लेकिन आज़ाद की कहानी में कुछ राज हैं. क्या ट्रेन हाईजैक करने वाले से आज़ाद का कुछ कनेक्शन है?
ट्रेन हाइजैक करने वाले ने बिजनेसमैन की बेटी के कान में अपना नाम बताया था. आखिर इस नाम की कहानी क्या है? और ये नाम सुनकर काली क्यों हिल गया था? ट्रेलर में दीपिका पादुकोण का स्पेशल अपीयरेंस भी था. उनकी क्या कहानी है? फिल्म इन सारे सवालों के जवाब पर्दे पर देती है.