ITBP में नौकरी के लिए फर्जी दस्तावेज किए गए जारी, CBI ने शुरू की जांच
AajTak
इंडियन तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) में नौकरी के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ. फर्जी नियुक्ति पत्र देकर मोटी रकम वसूली गई. इस मामले की शिकायत आने के बाद सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
इंडियन तिब्बत बॉर्डर पुलिस में नौकरी के नाम पर युवाओं से मोटी रकम वसूली गई. जब इसे लेकर शिकायतें सामने आईं, तो अधिकारियों ने मामले में संज्ञान लिया. आईटीबीपी की शिकायत पर केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, साल 2015-16 से लगातार शिकायतें मिल रही थीं, कि लोगों को आईटीबीपी में नौकरी के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र जारी किए जा रहे थे. ये नियुक्ति पत्र उन असफल आवेदनकर्ताओं को भी जारी किये गए थे, जो परीक्षा में फेल हो गए थे. बता दें कि 2014-15 में आईटीबीपी में कांस्टेबल और ड्राइवर के पद पर जो भर्तियां की जानी थीं, उनमें फर्जी नियुक्ति पत्र दे दिए गए. इन पत्रों पर मोबाइल नंबर किसी भी आइटीबीपी अफसर के नहीं थे. इतना ही नहीं असफल आवेदनकर्ताओं से फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर ट्रेनिंग चार्जेज के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही थी.सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.
आज शाम की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 23 नवंबर 2024 की खबरें और समाचार: खबरों के लिहाज से शनिवार का दिन काफी अहम रहा है. महाराष्ट्र में नतीजे आने के बाद सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पर पर अपना दावा ठोका है. सीएम योगी ने यूपी उपचुनाव के नतीजों को पीएम मोदी के नेतृत्व की जीत बताया है.
हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.