Exclusive: क्या रिएलिटी शो वाकई में होता है रियल? इस कंटेस्टेंट ने किया शॉकिंग खुलासा
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अक्सर इंडियन रिएलिटी शोज की रिएलिटी पर सवाल उठते रहे हैं. जिन्हें जानने के बाद मन में ख्याल आता है कि वाकई रिएलिटी शोज फेक हैं? या ये खबरें महज अफवाह... 2005 में सारेगामापा रियलिटी शो का हिस्सा रहीं हिमानी कपूर ने हमसे खास बातचीत में बताया कि इन शोज में पर्दे के पीछे क्या कुछ हो जाता है.
सारेगामापा रिएलिटी शो में 2005 में कंटेस्टेंट के तौर पर हिमानी कपूर बहुत चर्चा में रही थीं. शो करते-करते ही हिमानी की झोली में कई बॉलीवुड सिंगिंग प्रोजेक्ट्स आ गए थे. एक लंबे समय से म्यूजिक इंडस्ट्री से दूर रही हिमानी ने कुछ साल पहले ही सिंगिंग में वापसी की है. हिमानी ने हमसे रिएलिटी शोज के कई ऐसी पहलुओं का खुलासा किया, जिससे शायद दर्शक अनजान हों.
2005 में आप रिएलिटी शोज में एंट्री
आजतक डॉट इन से एक्सक्लूसिव बातचीत में हिमानी कपूर कहती हैं, '2005 में सारेगामा से मैंने अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत की थी. उस रिएलिटी शो से जुड़ी सारी यादें मेरे जेहन में आज भी ताजा है. चाहे वो आदेश श्रीवास्तव जी बतौर मेंटॉर ही क्यों न हों. केवल शो तक ही नहीं बल्कि बाहर भी वो मेरे गुरू बने रहे. उन्होंने हमेशा मुझे बेटी की तरह ट्रीट किया था. मेरा तो शो में रहते-रहते ही बॉलीवुड में डेब्यू हो गया था. वो भी अपनी फेवरेट एक्टर के साथ. मैंने सुष्मिता सेन की फिल्म चिंगारी के लिए आवाज दी थी. मेरा पहला गाना उन्हीं के साथ हुआ था. एक चीज जो बहुत अनोखी थी, वो था ऑडियंस का प्यार. उस वक्त उनका पागलपन देखने लायक था. हम जब कहीं बाहर या एयरपोर्ट जा रहे होते थे, तो उस वक्त वो हमें रोक लेते थे.'
अब तो 90 प्रतिशत फेक हो गया है रिएलिटी शो आज के रिएलिटी शोज पर कमेंट करते हुए हिमानी कहती हैं, अब तो रिएलिटी शो में मुझे कुछ रियल लगता नहीं है. मुझे तो लगता है कि 80 से 90 प्रतिशत फेक दिखाया जाता है. सिंगर्स जो आते हैं, उनकी आवाज भी ऑटो ट्यूनर से ट्यून कर दी जाती है. मुझे यह तो कॉन्सेप्ट समझ ही नहीं आता है कि अगर कोई रिएलिटी शो में आया है, तो उसकी आवाज को भी अब फाइन ट्यून करने की क्या जरूरत है, जिसने जैसा गाया है, उसकी आवाज को वैसा ही रखो न. हालांकि वो हमारे वक्त में इसकी शुरुआत सी हो रही थी. याद है एक बार हिमेश रेशमिया जी ने डायलॉग कह दिया कि मुझे तेरे घर में रोटी चाहिए..उस ऐपिसोड को बहुत ज्यादा नंबर्स मिले थे. बस मेकर्स को चस्का लग गया और वो मसाला ढूंढने लगे. ताकि पॉपुलैरिटी बढ़े, टीआरपी मिले. फिर झगड़े-वगड़े शुरू करवा दिए. हद तो तब हो गई कि स्क्रिप्ट लिखी जाने लगी. फिर ऐसी कुछ सिचुएशन क्रिएट कर देंगे, जिससे आपस में ही कंट्रोवर्सी हो जाए. यह तो बढ़ता ही चला गया. आप देखें, रिएलिटी शो में गाने की बात कम, सिंगर को गरीब घर से, लाचार तरीके से पेश किया जाता है. दिक्कत यही है कि इसकी वजह से जो फोकस सिंगिंग में होना चाहिए, वो ध्यान हटकर कहीं और चला जाता है.'