Dibiyapur Assembly Seat: नवरत्न कंपनियों के होने के बावजूद नहीं हो पाया क्षेत्र का विकास
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दिबियापुर विधानसभा सीट: NTPC और GAIL India Ltd. जैसे नवरत्न कंपनियों की स्थापना के बावजूद यहां का समुचित विकास नहीं हो पाया. इन संस्थानों में ठेकेदारी कर सपा से जुड़े नेता फर्श से अर्श पर पंहुच गए लेकिन आम आदमी जहां का तहां ही पड़ा रहा.
दिबियापुर (203) विधानसभा सीट पर अभी बीजेपी का कब्जा है. लाखन सिंह राजपूत इस सीट से विधायक हैं. नए परसीमन के बाद वर्ष 2012 में दिबियापुर (203) विधानसभा का गठन हुआ. इससे पहले दिबियापुर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के प्रदीप यादव विधायक थे. सपा से प्रदीप यादव ने बसपा के राम जी शुक्ल को करीब 20 हजार मतों से हराया था. वहीं 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से लाखन सिंह राजपूत को जीत मिली. लाखन सिंह को 71,480 वोट मिले. उन्होंने अपने प्रतिद्वन्द्वी समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक को शिकस्त दी. प्रदीप यादव को 59,386 वोट मिले थे.
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
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