Delhi Pollution: दिल्ली के प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी महज 5%, फिर क्यों साफ नहीं हो रही हवा?
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इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेटरोलॉजी, पुणे के अनुसार, पराली जलाने का योगदान अब दिल्ली के प्रदूषण में 5% से भी कम हो गया है.
दिल्ली में शनिवार की सुबह एक बार फिर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 350 के पार पहुंच गया, जो गंभीर स्थिति को दर्शाता है. सुबह 8 बजे दिल्ली का 24 घंटे का औसत AQI 351 रिकॉर्ड किया गया, जो साफ दर्शाता है कि प्रदूषण स्तर अब भी चिंताजनक है.
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेटरोलॉजी, पुणे के अनुसार, पराली जलाने का योगदान अब दिल्ली के प्रदूषण में 5% से भी कम हो गया है. इसके साथ ही इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट के डेटा से पता चलता है कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुकी हैं.
आखिर क्यों साफ नहीं हो रही है दिल्ली की हवा?
तो सवाल यह उठता है कि दिल्ली की हवा आखिर क्यों साफ नहीं हो रही है? इसके कई कारण हैं. दिल्ली के भीतर पैदा होने वाले प्रदूषक तत्व, विशेष रूप से वाहनों से निकलने वाला धुआं, दिल्ली के कुल प्रदूषण में 25% से अधिक का योगदान देता है. इसके अलावा मौसम की स्थितियां भी अनुकूल नहीं हैं. पिछले कुछ दिनों में हवा की गति थोड़ी बढ़ी थी, जिससे वायु गुणवत्ता में थोड़ा सुधार आया था.
हालांकि, मौसम विभाग का अनुमान है कि शनिवार से सोमवार तक हवा की गति धीमी रहेगी, जिससे प्रदूषण के कम होने की संभावना भी कम है. इसके अलावा दो प्रमुख कारक मिक्सिंग हाइट और वेंटीलेशन इंडेक्स भी काफी कम रहने का अनुमान है, जिससे प्रदूषण वायुमंडल में ऊपर जाने के बजाय जमीन के स्तर पर बना रहेगा.
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