Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद जानें चीन को सता रहा किस बात का डर
ABP News
Afghanistan Crisis: 2013 में बीआरआई की स्थापना के बाद से चीन ने विदेशों में अरबों डॉलर सड़कों, बांधों और बिजली संयंत्रों के निर्माण के लिए दिया है.
Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी और तालिबान के कब्जे के बाद इस वक्त वहां के लोगों के सामने भविष्य को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. अफगानिस्तान से अमेरिका की जल्दबाजी में वापसी चीन के लिए एक जीत और बीजिंग के लिए पूरे क्षेत्र में एक प्रभाव बढ़ाने के तौर पर देखा जा रहा है. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, यह तालिबान के लिए एक सबक के तौर पर भी उठाया गया है ताकि वह अमेरिकी सुरक्षा पर ज्यादा भरोसा न करे. हालांकि, चीन के लिए विडंबना यह है कि उसकी सीमाओं के पास अमेरिकी सैनिकों से भी बदतर बात यह है कि उनकी वहां बिल्कुल भी मौजूदगी नहीं है. अफगानिस्तान अब बीजिंग के लिए एक बड़ा सिरदर्द है, जिसे डर है कि वहां अराजकता न केवल उसके अशांत क्षेत्र शिनजियांग में बल्कि पाकिस्तान तक फैल जाएगी.More Related News