9/11 Attack: अमेरिका को जख्म, वॉर ऑन टेरर...एजेंसियों की नाकामी से साजिश तक की कहानी
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9/11 हमले के गुनहगार अलकायदा चीफ ओसामा बिन लादेन को अमेरिका ने उसके अंजाम तक भी पहुंचा दिया है लेकिन दर्द और सवाल हैं कि आज भी हरे हैं. आज भी सवाल उठते हैं कि क्या ये हमला अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की आपसी रस्साकशी के चलते हुआ? आज भी सवाल उठते हैं कि क्या ये हमला तत्कालीन बुश प्रशासन की नाकामी थी? आज भी सवाल उठते हैं कि बाहर से आए 19 आतंकवादियों ने कैसे अमेरिका में घुसकर, उसके ही चार विमानों को हाईजैक कर दुनिया की सबसे सुरक्षित गगनचुंबी इमारतों को ध्वस्त कर धुआं-धुआं कर दिया?
9/11...वो तारीख, जिसने दुनिया का इतिहास बदल दिया. मुट्ठीभर आतंकवादियों ने सदी के सबसे ताकतवर मुल्क के सीने पर चढ़कर कोहराम की दास्तान लिखी. ऐसी दर्दनाक दास्तान कि आज 20 साल बाद भी उसके दिए जख्मों की शिनाख्त हो रही है.अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज देश में डिफेंस और रेलवे ये दो ऐसे सेक्टर हैं जिनके राजनीतिकरण से बचते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है. ये देश की ताकत हैं. रेलवे का पूरा फोकस गरीब और मिडल क्लास परिवारों पर. एसी और नॉन एसी कोच के रेशियो को मेंटेन किया गया. जब कई सदस्यों की ओर से जनरल कोच की डिमांड आई तो 12 कोच जनरल कोच बनाए जा रहे हैं. हर ट्रेन में जनरल कोच ज्यादा हो, इस पर काम किया जा रहा है.