4 ट्रकों से शुरू होकर 200 करोड़ कैश तक ऐसे पहुंचा मामला, जानिए कारोबारी पीयूष जैन की पूरी कहानी
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डीजीजीआई ने जब इस मामले की गहराई से जांच शुरू की तब पता चला कि इस ट्रांसपोर्टर ने जीएसटी चुकाने से बचने के लिए 200 से ज्यादा फर्जी नवाइसेज़ तैयार किए हैं और सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगा चुका है.
कानपुर के कारोबारी पीयूष जैन की दौलत के बारे में जानकर हर कोई हैरान है. किसी ने सपने में नहीं सोचा होगा कि एक मामूली से दिखने वाले कारोबारी ने अरबों की दौलत जमा कर रखी थी. छापे के दौरान पीयूष जैन के कब्जे से 200 करोड़ कैश, 23 किलो सोना और 6 करोड़ की कीमत का चंदन तेल बरामद किया गया है. इसके अलावा एक तहखाने का भी खुलासा हुआ है.
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
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हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.