हाई शुगर लेवल ही नहीं Low Blood Sugar भी हो सकता है जानलेवा, जानें लक्षण और बचने के उपाय
Zee News
सिर्फ हाई शुगर लेवल ही नहीं बल्कि लो ब्लड शुगर लेवल भी जानलेवा हो सकता है, अगर समय पर इसका इलाज न हो तो. जिन लोगों डायबिटीज की बीमारी है उन्हें शुगर लेवल को लेकर बहुत सतर्क रहना चाहिए.
नई दिल्ली: जब बात शरीर के शुगर लेवल की आती है तो हम हमेशा हाई शुगर लेवल (High Blood Sugar) की चिंता करते हैं क्योंकि हमें यह पता होता है खून में शुगर लेवल बढ़ने से डायबिटीज () की बीमारी हो सकती है. लेकिन लो ब्लड शुगर (Low Blood Sugar) यानी खून में शुगर का लेवल कम होना भी उतनी ही खतरनाक और जानलेवा स्थिति हो सकती है. लो ब्लड शुगर लेवल को मेडिकल टर्म में हाइपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia) कहते हैं. जिन लोगों को डायबिटीज की बीमारी है और शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए दवा लेते हैं उनमें लो ब्लड शुगर की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है. हाइपोग्लाइसीमिया अपने आप में कोई बीमारी नहीं है लेकिन यह सेहत से जुड़ी कई समस्याओं की ओर इशारा करती है. अमेरिकी वेबसाइट healthline.com की मानें तो ब्रेन समेत शरीर में जितनी भी कोशिकाएं मौजूद हैं सभी को कार्य करने के लिए एनर्जी यानी ऊर्जा (Energy) की जरूरत होती है. खून में मौजूद शुगर यानी ग्लूकोज () ही शरीर को ऊर्जा देने का काम करता है. इंसुलिन एक हार्मोन है जो कोशिकाओं की मदद करता है ताकि वे ग्लूकोज को अवशोषित कर पाएं. जब खून में ग्लूकोज की मात्रा कम हो जाती है तो इसे ही हाइपोग्लाइसीमिया कहा जाता है. अमेरिका के नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज की मानें तो जब खून में ग्लूकोज की मात्रा 70 मिलीग्राम प्रति डेसिलीटर (mg/dL) से कम हो जाती है तो इसे ही लो ब्लड शुगर माना जाता है.Shagun Yojana: बेटियों की शादी पर सरकार दे रही 31,000 रुपये की मदद, जानिए- किस विभाग में मिलना होगा?
Shagun Yojana ki Jankari: राज्य सरकार की ओर से गरीब परिवारों को बेटियों की शादी पर शगुन दिया जाता रहा है. योजना का मुख्य उद्देश्य 18 वर्ष से अधिक आयु के बीपीएल परिवारों की लड़कियों और महिलाओं पर बेटियों की शादी का बोझ कम करके उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करना है.
How to apply for internship scheme: स्कीम के तहत पात्र उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पूरा करने वाले छात्र हैं. इनमें ITI प्रमाणपत्र रखने वाले, पॉलिटेक्निक संस्थानों से डिप्लोमा रखने वाले या स्नातक की डिग्री रखने वाले लोग शामिल हैं. इन्हें ही आवेदन करने की पात्रता है. यह कार्यक्रम विशेष रूप से 21 से 24 वर्ष की आयु के भारतीय नागरिकों के लिए डिजाइन किया गया है जो वर्तमान में फुल टाइम रोजगार या शिक्षा में नहीं हैं.