सुप्रीम कोर्ट में राजनीति के अपराधीकरण का मामला सुरक्षित, कई दलों ने माफी मांगी
NDTV India
वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 की धारा 16 ए के तहत शक्तियों का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए. कोर्ट ने कपिल सिब्बल के लिखित दलीलों को नकार दिया. कांग्रेस के वकील ने कहा कि पार्टी ने अदालत के आदेश का पर्याप्त रूप से पालन किया है.
अपने उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास को प्रकाशित करने में विफल रहने वाले राजनीतिक दलों का चुनाव चिन्ह निलंबित हो सकता है? क्या चुनाव आयोग ऐसी राजनीतिक पार्टी का चिन्ह निलंबित कर सकता है? दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अपने उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास को प्रकाशित करने में विफल रहने वाले राजनीतिक दलों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास का खुलासा नहीं करने वाली राष्ट्रीय पार्टी के खिलाफ उल्लंघन के मद्देनज़र पार्टी के चुनाव चिन्ह को फ्रीज या निलंबित रखा जाए. आयोग ने यह सुझाव सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन के मामले में दिया है. इस मामले की सुनवाई जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने की.More Related News