सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून के दुरुपयोग पर जताई चिंता, केंद्र से मांगा जवाब
The Quint
Sedition law: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजद्रोह कानून का मकसद स्वतंत्रता संग्राम को दबाना था | sedition law was meant to suppress the freedom movement, says Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह संबंधी ‘‘औपनिवेशिक काल’’ के कानून के दुरुपयोग पर चिंता जताई है और इस कानून की वैधता को चुनौती देने वाली ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ की याचिका समेत याचिकाओं के समूह पर केंद्र से जवाब मांगा है.चीफ जस्टिस एनवी रमण की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि उसकी मुख्य चिंता कानून का दुरुपयोग है और उसने पुराने कानूनों को निरस्त कर रहे केंद्र से सवाल किया कि वो इस कानून को हटा क्यों नहीं कर रहा.कोर्ट ने कहा कि राजद्रोह कानून का मकसद स्वतंत्रता संग्राम को दबाना था, जिसका इस्तेमाल अंग्रेजों ने महात्मा गांधी और अन्य को चुप कराने के लिए किया था. इस बीच, अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने इस कानून की वैधता का बचाव करते हुए कहा कि राजद्रोह कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए कुछ दिशानिर्देश बनाए जा सकते हैं.ADVERTISEMENTबेंच मेजर-जनरल (रिटायर्ड) एसजी वोम्बटकेरे की एक नई याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 124 A (राजद्रोह) की संवैधानिक वैधता को इस आधार पर चुनौती दी गई है कि यह अभिव्यक्ति की आजादी के मौलिक अधिकार पर अनुचित प्रतिबंध है. याचिका में कहा गया कि धारा 124 A को देखने से पहले, “समय के आगे बढ़ने और कानून के विकास” पर गौर करने की जरूरत है.इससे पहले, शीर्ष अदालत की एक अलग बेंच ने राजद्रोह कानून को चुनौती देने वाली - दो पत्रकारों किशोरचंद्र वांगखेमचा (मणिपुर) और कन्हैयालाल शुक्ल (छत्तीसगढ़) - की याचिकाओं पर केंद्र से जवाब मांगा था.(PTI के इनपुट्स समेत)(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)ADVERTISEMENT...More Related News