सांसद बिधूड़ी की टिप्पणी ने विपक्षी दलों को दिया बीेजेपी पर हमले का मौका, निंदा के साथ हो रही कार्रवाई की मांग
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सांसद रमेश बिधूड़ी की टिप्पणियों को संसद की कार्यवाही से हटा दिया गया है. बीजेपी ने भी कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिनों में जवाब मांगा है, लेकिन बात यहीं नहीं रुकी है. उनकी टिप्पणी के बाद प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है. इस मामले को लेकर लोकसभा स्पीकर से कार्रवाई की मांग की गई है. बिधूड़ी के बयान ने विपक्षी दलों को हमले का मौका दे दिया है.
लोकसभा में बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी की टिप्पणी से मचा घमासान जारी है. गुरुवार को उन्होंने सारी मर्यादाएं लांघते हुए चर्चा के दौरान बसपा सांसद दानिश अली पर आपत्तिजनक टिप्पणी की. भाषा ऐसी कि जिसे लेकर चहुंओर निंदा हो रहा है और, बिधूड़ी के बयान ने विपक्षी दलों को हमले का मौका दे दिया है. जिसके कारण G20 और महिला आरक्षण को लागू करने के बाद बीजेपी फ्रंट फुट पर खेल रही थी, अचानक ही बैकफुट पर नजर आ रही है.
रमेश बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस बिधूड़ी की टिप्पणियों को संसद की कार्यवाही से हटा दिया गया है. बीजेपी ने भी कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिनों में जवाब मांगा है, लेकिन बात यहीं नहीं रुकी है. उनकी टिप्पणी के बाद प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है. सांसद रमेश बिधूड़ी मामले को लेकर कांग्रेस से अधीर रंजन चौधरी, डीएमके से कनिमोझी, एनसीपी से सुप्रिया सुले और टीएमसी से अपरूपा पोद्दार ने लोकसभा स्पीकर से कार्रवाई की मांग की है.
कांग्रेस ने लिखा कार्रवाई के लिए पत्र कांग्रेस ने इसके लिए लोकसभा स्पीकर को पत्र भी लिखा है. अपने पत्र में अधीर रंजन चौधरी ने स्पीकर से मामले की जांच विशेषाधिकार समिति से कराने और उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने की अपील की है. अधीर रंजन ने कहा, “परिस्थितियों और सदन के कामकाज से संबंधित सभी मानदंडों और नियमों के खुले उल्लंघन को ध्यान में रखते हुए, यह उचित होगा कि मामले की विशेषाधिकार समिति द्वारा विस्तार से जांच की जाए और दोषी सदस्य रमेश बिधूड़ी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए. वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि हालांकि अध्यक्ष ने उन्हें चेतावनी दी थी और उनके शब्दों को सदन से निकाल दिया था, लेकिन सदस्य के बयान पूरे मीडिया में छाए रहे, जो संसद और इसकी पवित्रता पर खराब असर डालते हैं. यह घटना विपक्ष और अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ मानसिकता को भी दर्शाती है.
निशिकांत दुबे ने की बयान की निंदा झारखंड के गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे ने X (ट्वीट) करके कहा, रमेश विधूड़ी जी के लोकसभा में दिए बयान को कोई भी सभ्य समाज ठीक नहीं कह सकता,इसकी जितनी निंदा की जाए कम है लेकिन @loksabhaspeaker जी को सांसद दानिश अली के भी अमर्यादित शब्दों व आचरण की जांच करनी चाहिए. लोकसभा की नियम प्रक्रियाओं के तहत किसी सांसद के निर्धारित समय के बीच टोकना,बैठे-बैठे बोलना,रनिंग कमेंट्री करना भी सजा के दायरे में आता है. मैं पिछले 15 साल से सांसद हूं, लोकसभा के खुलने से लेकर बंद होने तक सबसे ज़्यादा समय तक मैं सदन में रहता हूं, ऐसा दिन देखने को मिलेगा कभी सोचा नहीं था.'
बिहार डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी दी प्रतिक्रिया वहीं, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी रमेश विधूड़ी के बयान पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि, 'कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री ने कहा था कि आपका व्यवहार और आचरण तय करेगा कि आप किस तरफ बैठे हैं. गली के मवाली जैसी भाषा बीजेपी सांसद ने इस्तेमाल की है. उन पर कार्रवाई नहीं होगी क्योंकि बीजेपी के सांसद हैं. महिला पहलवानों के मामले में बीजेपी के एक सांसद के ऊपर पहले भी कार्रवाई नहीं हुई है. उनके बयान से हमें दुख और पीड़ा हुई. ' इसके साथ ही, बिहार सरकार में मंत्री तेजप्रताप यादव ने भी बीजेपी पर जमकर निशाना साधा और रमेश बिधूड़ी की सदस्यता रद्द करने की मांग की. उन्होंने कहा कि यह निंदनीय है.
रक्षा मंत्री ने जताया था खेद बता दें कि, बिधूड़ी दक्षिणी दिल्ली से बीजेपी के सांसद हैं. सूत्रों के मुताबिक लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने मामले पर नाराजगी जताते हुए बिधूड़ी को चेतावनी दी है. हैरानी की बात ये भी है कि जिस वक्त रमेश बिधूड़ी शर्मनाक टिप्पणी कर रहे थे, तब वहां बैठे कई नेता हंस रहे थे. दरअसल, रमेश बिधूड़ी संसद के विशेष सत्र के चौथे दिन यानी गुरुवार को लोकसभा में चंद्रयान-3 की सफलता पर बोल रहे थे, तभी बीएसपी सांसद दानिश अली ने टिप्पणी की. इस पर रमेश बिधूड़ी इतना भड़क गए कि शब्दों की न्यूनतम मर्यादा तक भूल गए. दानिश अली को सदन के भीतर ही भला-बुरा कहने लगे. बिधूड़ी के बयान के दौरान ही संसद में हंगामा शुरू हो गया. विवाद बढ़ता देखकर बयान पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खेद जताया.
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