सांवली सूरत ने एक्ट्रेस सारवी ओमाना के करियर पर लगाया था ब्रेक, पूछा- क्यों फेयर ही लवली है?
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टीवी एक्ट्रेस सारवी ओमाना अक्षय कुमार की फिल्म लक्ष्मी में भी नजर आई थीं. अपने डस्की स्किन टोन की वजह से सारवी को कई बार काम मिलने में मुश्किलें हुई हैं. लेकिन सारवी को अपने ऊपर पूरा विश्वास है, वो कहती हैं कि लोग इसे भले ही मुझे इस आधार पर रिजेक्ट करें, लेकिन मेरे लिए ये मेरी ताकत है.
बॉलीवुड हो या टेलीविजन, हर जगह कॉम्प्लेक्शन को लेकर होते भेदभाव पर बहस छिड़ी रहती हैं. कई बार इस भेदभाव की वजह से कई एक्टर्स को मुश्किल वक्त से भी गुजरना पड़ा है. कई बार उन्हें इस वजह से काम मिलने में भी दिक्कतें हुई हैं. ऐसा ही कुछ सीरियल प्रेम बंधन की एक्ट्रेस सारवी ओमाना के साथ भी हुआ. बावजूद इसके कि उन्हें भी कई अलग-अलग बातें सुननी पड़ी, सारवी अपनी इस डस्की स्किन टोन को ही अपनी यूएसपी मानती हैं.
सारवी को है खुद पर गर्व
सारवी ओमाना कई टीवी सीरियल्स में काम कर चुकी हैं. वो प्रेम बंधन के साथ धर्म योद्धा गरुड़ में भी नजर आई थीं. सारवी अक्षय कुमार की फिल्म लक्ष्मी में भी एक रोल प्ले कर चुकी हैं. अपने डस्की स्किन टोन की वजह से सारवी को कई बार काम मिलने में मुश्किलें हुई हैं. लेकिन सारवी को अपने ऊपर पूरा विश्वास है, वो कहती हैं कि लोग इसे भले ही मेरी कमी समझें और मुझे इस आधार पर रिजेक्ट करें, लेकिन मेरे लिए ये मेरी ताकत है. सारवी ने बताया कि उन्हें कई बार ऑडिशन्स में उनके कॉम्प्लेक्शन की वजह से रिजेक्ट किया गया है. लेकिन उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, वो ठान चुकी हैं कि वो जरूर लाइफ में कुछ बड़ा करेंगी.
सारवी ने बताया कि कई बार उनके साथ ऐसा हुआ है कि उन्होंने किसी ब्यूटी प्रोडक्ट के लिए ऑडिशन दिया और उनसे कहा गया कि कल शूट करेंगे. लेकिन फिर उन्हें वापस नहीं बुलाया गया. सारवी को विश्वास नहीं होता कि आज भी इस तरह के जजमेंट्स पास किए जाते हैं. जहां आपकी बॉडी, आपके रंग को लेकर आपके कैरेक्टर और टैलेंट को जज किया जाता है.
मजाक-मजाक में सीरियस होती बात
सारवी ने कहा- ये डाइजेस्ट कर पाना बहुत मुश्किल है कि आज के दौर में भी लोग बॉडी और रंग के आधार पर टैलेंट को जज करते हैं. हमारे यहां ये अक्सर एक जोक से शुरू होता है, जहां कोई ना कोई कह देता है कि ये तो काली है या मोटी है. ऐसा मजाक किसी के भी सामने कर दिया जाता है जो कि बर्दाश्त करने लायक नहीं है. लेकिन सच कहूं तो, मुझे लगता है मेरी स्किन टोन जैसी भी है, मेरी ताकत है. मैं हमेशा उस किस्म की इंसान रही हूं जो जैसी है वैसी खुश रहती है. मैंने कभी अपने अंदर बदलाव लाने की कोशिश नहीं की है. हमारे देश में सबसे ज्यादा लोग सांवले रंग के हैं. मुझे समझ नहीं आता कि क्यों सिर्फ फेयर ही लवली है?