"सरकार ही होने दे रही टारगेट किलिंग", देखें क्यों बोले कश्मीरी एक्टिविस्ट
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पाकिस्तान जिसकी रगों में ही आतंक का लहू बहता है और वो अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. कल कश्मीर में आतंकियों ने दो गैर-कश्मीरियों को मार डाला और ये सिलसिला पिछले कई दिनों से जारी है. नागरिकों की टारगेट किलिंग से दहशत का माहौल बनाने का इरादा पूरा करने में लगा हुआ है. पाकिस्तान 1965 में जुल्फिकार अली भुट्टो ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ऐलान किया था कि पाकिस्तान भारत से एक हजार साल तक जंग लड़ेगा, लेकिन 1971 में पाकिस्तान की ऐसी मुंह की खानी पड़ी कि वो आजतक नहीं उबर सका है. अयूब खान ने ब्लीड इंडिया विद ए थाउज़ेंड कट्स की थ्योरी को गढ़ा. बावजूद पाकिस्तान के इरादे पूरे नहीं हुए और ना ही पूरे होनेवाले हैं. बावजूद पाकिस्तान के हुक्मरान को ये बातें समझ नहीं आती. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल कि टारगेट किलिंग का क्या है जवाब? इसी मुद्दे पर दंगल में छाड़ी बहस में कश्मीरी एक्टिविस्ट सुशील पंडित ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ही होने दे रही टारगेट किलिंग. देखें आगे क्या बोले कश्मीरी एक्टिविस्ट.
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
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