वेट लॉस और फैट लॉस में क्या अंतर है? वजन घटाने के चक्कर में मांसपेशियां तो नहीं कर रहे कमजोर?
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फैट लॉस का मतलब शरीर का फैट घटाना है और यह वजन घटाने की तुलना में अधिक फायदेमंद है. हालांकि, यह जानना मुश्किल है कि आप फैट लॉस कर रहे हैं या शरीर का ओवरऑल वजन कम कर रहे हैं.
आज के समय में मोटापा एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है. खराब खानपान और जीवनशैली की वजह से लोग मोटापे का शिकार हो रहे हैं. ऑफिस या घर में भी लगातार एक ही जगह बैठे रहने से भी शरीर में चर्बी जमा होने लगती है. हालांकि, ज्यादातर लोग इसे लेकर काफी जागरुक हो रहे हैं और वो फिट भी रहना चाहते हैं. लोग अपना वजन नियंत्रित करने के लिए तरह-तरह के उपाय अपनाते हैं.
लेकिन शरीर को पूरी तरह से स्वस्थ रखने के लिए एक हेल्दी वेट मेंटेन करना भी जरूरी है और साथ ही यह जानना भी बेहद जरूरी है कि आपको हेल्दी वजन मेंटेन रखने के लिए वेट लॉस करना चाहिए या फैट लॉस.
आमतौर पर सिर्फ वेट लॉस करना अच्छा नहीं है क्योंकि इस प्रक्रिया में शरीर के पूरे वजन से मसल्स, पानी, ग्लाइकोजन और फैट लॉस होता है. वहीं, फैट लॉस में शरीर में पहले से ही स्टोर हुए बॉडी फैट को कम किया जाता है. इसलिए इसे ज्यादा बेहतर विकल्प माना जाता है.
क्या है वेट लॉस
वेट लॉस का सीधा मतलब होता है शरीर का वजन कम करना यानी वजन घटाने के लिए बॉडी से मसल्स, फैट और वॉटर वेट को कम करना होता है. ऐसे में आप क्रैश डाइट और ग्लूटन फ्री डाइट से बॉडी का वेट कम कर सकते हैं, लेकिन ऐसा करने से वजन के साथ ही शरीर के लिए जरूरी मसल्स का भी लॉस होगा, जो शरीर में मजबूती देने में अहम भूमिका निभाते हैं. इसलिए अगर स्लिम और टोंड बॉडी चाहते हैं तो इसके लिए वेट लॉस नहीं बल्कि फैट लॉस करना चाहिए.
क्या है फैट लॉस फैट यानी वसा शरीर का एक अनिवार्य हिस्सा है जो बॉडी के कामकाज के लिए महत्वपूर्ण होता है. लेकिन जब शरीर में इसकी मात्रा बढ़ने लगती है तो शरीर में इसकी चर्बी बढ़ने लगती है. शरीर में जमा इस फैट को बर्न करने की प्रक्रिया को ही फैट लॉस कहा जाता है. बॉडी के लीन मास को बर्न न करते हुए मसल्स गेन करना फैट लॉस कहलाता है. शरीर की चर्बी घटाने का सबसे आसान तरीका कैलोरी डेफिसिट और हार्ड वर्कआउट है. अगर आप टोंड बॉडी पाना चाहते हैं, तो इसके लिए शरीर की अतिरिक्त चर्बी को कम करना चाहिए.
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