विजय दिवस: जब भारतीय शूरवीरों ने PAK घुसपैठियों को खदेड़ करगिल की चोटियों पर लहराया था तिरंगा
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साल 1999 की सर्दियों में पाकिस्तानी घुसपैठियों ने मौका देखकर जम्मू-कश्मीर की करगिल समेत और कुछ चोटियों पर कब्जा कर लिया था. पाकिस्तान को यहां से खदेड़ने के लिए 8 मई से 26 जुलाई तक कश्मीर की चोटियों पर दुश्मन के साथ हमारी सेनाओं का युद्ध हुआ.
22 साल पहले करगिल की पहाड़ियों पर भारत और पाकिस्तान (India Pakistan War) के बीच जंग हुई थी. इस जंग की शुरुआत तब हुई थी, जब पाकिस्तानी सैनिकों ने करगिल (Kargil) की ऊंची पहाड़ियों पर घुसपैठ करके अपने ठिकाने बना लिए थे. भारतीय सेना (Indian Army) को इसकी भनक तक नहीं लगी थी, लेकिन जब भारतीय जवानों को पता चला तो उन्होंने पाकिस्तानी सेना के जवानों को खदेड़ दिया और करगिल की चोटियों पर तिरंगा लहरा दिया.सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
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