लौह युग में जंगलों में रहते थे मुर्गे और होती थी पूजा, जानें कब इंसान इन्हें खाने लगा
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अध्ययन में पाया गया सबसे पहले घरेलू मुर्गी की हड्डियाँ लगभग 3,500 साल पहले थाईलैंड से आई थीं. ब्रिटेन में तीसरी शताब्दी ईस्वी तक पक्षियों का नियमित रूप से सेवन नहीं किया जाता था.
लंदन: लौह युग ब्रिटेन में खाने के बजाय मुर्गियों की पूजा की जाती थी. पक्षियों को अक्सर लोगों के साथ औपचारिक रूप से दफनाया जाता था और तीसरी शताब्दी ईस्वी तक नियमित रूप से इनका उपभोग नहीं किया जाता था. नए शोध में यह खुलासा हुआ है. शोधकर्ताओं ने यूके समेत 89 देशों के चिकन हड्डियों का विश्लेषण किया है.
अध्ययन में पाया गया सबसे पहले घरेलू मुर्गी की हड्डियाँ लगभग 3,500 साल पहले थाईलैंड से आई थीं. उनका दावा है कि दक्षिण पूर्व एशिया में 1,500 ईसा पूर्व तक चिकन पालतू बनाना चल रहा था, लेकिन ब्रिटेन में तीसरी शताब्दी ईस्वी तक पक्षियों का नियमित रूप से सेवन नहीं किया जाता था.