'लोकतंत्र में बोलने की आजादी...', अमेरिका में छात्रों के इजरायल विरोधी प्रदर्शन पर भारत ने की ऐसी टिप्पणी!
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अमेरिका के विश्वविद्यालयों में पिछले कई दिनों से प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. प्रदर्शन गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाई के खिलाफ हो रहे हैं. इन प्रदर्शनों पर भारत ने प्रतिक्रिया दी है.
गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाई के खिलाफ अमेरिका भर के प्रमुख विश्वविद्यालयों में विरोध प्रदर्शन जारी हैं. इन विरोध-प्रदर्शनों पर अब भारत ने प्रतिक्रिया दी है. भारत ने गुरुवार को कहा कि हर लोकतंत्र में बोलने की आजादी, जिम्मेदारी की भावना और सार्वजनिक सुरक्षा के बीच सही संतुलन होना चाहिए.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, 'हमने इस मामले पर रिपोर्ट देखी हैं और संबंधित घटनाओं पर नजर रख रहे हैं. हर लोकतंत्र में बोलने की आजादी, जिम्मेदारी की भावना, सार्वजनिक सुरक्षा और व्यवस्था के बीच सही संतुलन होना चाहिए.'
एक सवाल के जवाब में जायसवाल ने कहा कि लोकतांत्रिक देशों को समझ दिखानी चाहिए. उन्होंने कहा, 'विशेष रूप से लोकतांत्रिक देशों को अपने मित्र लोकतांत्रिक देशों के संबंध में इस समझ को प्रदर्शित करना चाहिए. आखिरकार, हम सभी का मूल्यांकन इस आधार पर किया जाता है कि हम अपने देश में क्या करते हैं, न कि हम विदेश में क्या कहते हैं.'
जायसवाल ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका में पढ़ रहे किसी भी भारतीय छात्र या उनके परिवार ने विश्वविद्यालयों में विरोध प्रदर्शन में भाग लेने की वजह से हुई कार्रवाई के संबंध में मदद के लिए न तो वॉशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क किया है और न ही अमेरिका स्थित किसी भारतीय वाणिज्य दूतावास से संपर्क किया है.
उन्होंने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि देश और विदेश में हमारे सभी नागरिक स्थानीय कानूनों का सम्मान करेंगे.'
प्रदर्शनों में हुई है 2,000 से अधिक गिरफ्तारियां
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने गुरुवार को युद्ध और मानवता के खिलाफ अपराधों को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योव गैलेंट के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया. आईसीसी ने नेतन्याहू और गैलेंट पर मानवता के खिलाफ अपराधों का आरोप लगाया, जिसमें हत्या, उत्पीड़न और अमानवीय कृत्यों की बात कही गई.