लाइव स्ट्रीमिंग से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार, गोविंदाचार्य ने उठाया था कॉपीराइट का मुद्दा
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सुप्रीम कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग के कॉपीराइट को लेकर दायर की गई गोविंदाचार्य की याचिका पर सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है. शीर्ष अदालत ने लाइव स्ट्रीमिंग की शुरुआत बीते 27 सितंबर को संविधान पीठ की कार्यवाही के सीधे प्रसारण से शुरू की थी. अब इस याचिका पर अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी.
सुप्रीम कोर्ट सोमवार को आरएसएस के पूर्व विचारक केएन गोविंदाचार्य की उस याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया, जिसमें ने कहा गया था शीर्ष अदालत की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग का कॉपीराइट यूट्यूब जैसे निजी प्लेटफॉर्म को नहीं सौंपा जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले में 28 नवंबर को सुनवाई करेगा.
शीर्ष अदाल ने बीते 27 सितंबर को संविधान पीठ की कार्यवाही का सीधा प्रसारण शुरू किया था. लाइव स्ट्रीमिंग के पक्ष में निर्णय लेने के करीब चार साल बाद समय की जरूरत बताते हुए ये फैसला आया था. चीफ जस्टिस यूयू ललित की बेंच ने आज मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि जबसे लाइव स्ट्रीमिंग शुरू हुई है. हम एक कदम आगे बढ़ गए हैं और अगर हमने यह कदम नहीं उठाया होता तो हम कभी भी शुरुआत नहीं कर पाते.
गोविंदाचार्य की ओर से पेश हुए अधिवक्ता विराग गुप्ता ने पीठ से कहा कि नियमों को बदला जाना है, लेकिन कॉपीराइट को सरेंडर नहीं किया जा सकता है. इसके साथ ही कहा गया था कि इस प्राइवेट प्लेटफॉर्म को कार्यवाही का कॉपीराइट भी प्राप्त होता है यदि वे इस पर वेबकास्ट होते हैं.
इस पर बेंच ने कहा कि अगर हम नियमों के बारे में सोचते तो आज आप जो भी कदम देखते हैं, हम उस पर बिल्कुल भी कदम नहीं उठा पाते. अदालत ने सामग्री के कॉपीराइट की सुरक्षा के सीमित दायरे पर सुप्रीम कोर्ट के महासचिव, कानून और न्याय मंत्रालय और सूचना और प्रसारण मंत्रालय को नोटिस जारी किया. अब कोर्ट गोविंदाचार्य की याचिका पर 28 नवंबर को सुनवाई करेगी. गोविंदाचार्य ने अपनी याचिका में कहा था कि 2018 के फैसले में कहा गया था कि इस अदालत में दर्ज और प्रसारित सभी सामग्री पर कॉपीराइट केवल इस अदालत के पास ही रहेगा.
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