रील लाइफ की 'तरला दलाल' रियल में कितनी अच्छी कुक? हुमा कुरैशी ने खोले राज
AajTak
दिल्ली की जन्मीं हुमा कुरैशी भले ही मुंबई में बस चुकी हैं, लेकिन खाने के मामले में उन्हें आज भी दिल्ली से बेहतर कोई ऑप्शन नहीं लगता है. हुमा इस मुलाकात में अपनी फेवरेट डिश और कुकिंग स्किल पर हमसे बातचीत करती हैं.
हुमा कुरैशी फिल्म तरला दलाल के किरदार में खुद को आत्मसात कर चुकी हैं. खाने व कुकिंग पर आधारित इस फिल्म की हीरोइन हुमा से हमने उनके पसंदीदा डिश और तमाम तरह की फूड स्टाइल पर बातचीत की है. इसके साथ ही हुमा ने बताया कि वो खाने में क्या-क्या बना लेती हैं.
एक नॉन वेजिटेरियन पसंद करने वाली लड़की ने तरला फिल्म के लिए हामी कैसे भरी? - मुझे लगता है, एक्टिंग का यही मजा है. मैं अगर खुद को ही हमेशा परदे पर उतारती रहूं, तो मैं हमेशा दिल्ली की नॉन वेजिटेरियन मुस्लिम लड़की बनी रह जाऊंगी. यही तो एक्टिंग की खूबसूरती है कि जो आप नहीं हो, वो किरदार परदे पर लेकर आ सकते हैं. मैंने इसीलिए इस प्रोफेशन को चुना भी है.
दिल्ली-मुंबई के लोगों के बीच खाने को लेकर डिबेट चलती रहती है. आप पर्सनली कहां का फूड एंजॉय करती हैं? -देखिए, दिल्ली का खाना तो वाकई दुनिया का सबसे बेहतरीन खाना है. उसमें कोई दो राय है ही नहीं. हालांकि दोनों शहरों में मैं जगल करती रहती हूं. चूंकि मुंबई अब मेरा घर बन चुका है, फिर भी दिल्ली के खाने का कोई सानी नहीं है.
मुंबई की कोई स्पेशल डिश, जो आपको टेस्टी लगती है? -मुझे तो यहां की स्ट्रीट फूड काफी दिलचस्प लगती है. खासकर वड़ा पाव और मिसल पाव मुझे पसंद है. हालांकि जो मराठी खाना घर पर बनता है, वो भी मुझे बहुत पसंद है. पूरनपोली, एक ऐसी टेस्टी डिश है, जो मैं हमेशा खा सकती हूं.
आप एक रेस्त्रां परिवार से ताल्लुक रखती हैं. आप उसी कल्चर में पली-बढ़ी हैं. इस रोल में कोई मदद मिली? -हां, काम आया. दिल्ली में पापा का रेस्त्रां बिजनेस है, तो मैं बचपन से देखती आई हूं कि कैसे खाना पकता है. गेस्ट को कैसे सर्व किया जाता है. हालांकि एक जरूरी बात यह है कि पीयूष, जो इस फिल्म के डायरेक्टर हैं, वो मुझे किचन में कंफर्टेबल देखना चाहते थे. मतलब किचन में मेरा रोजमर्रा का काम हो. वो चाहते थे कि मैं एक हाउसवाइफ की तरह सहज होकर काम करूं. सच कहूं, तो खाना बनाना मेरे लिए बहुत बड़ा टास्क है. मैं घर में भी किचन में बहुत कम जाती हूं, तो मेरे लिए यह बहुत चैलेंजिंग था. हालांकि मैंने यहां पापा से ज्यादा अपनी मां से प्रेरणा ली थी. वो जिस सहजता के साथ काम करती हैं, वो कमाल है. मैंने उन्हें ज्यादा कॉपी करने की कोशिश की है.
अगर मैं जानना चाहूं कि हुमा क्या बेहतर बना लेती हैं. तो कौन सी डिश होगी? -मैं बुद्धू बहुत अच्छा बना लेती हूं. उसमें मैं एक्सपर्ट हूं. वैसे कुछ-कुछ डिश अच्छे से पका लेती हूं. जैसे दाल, कीमा, कोरमा वो बना लेती हूं. हां, चावल, बिरियानी पकाते वक्त मुझे थोड़ा डर लगता है. चावल के पकने की समझ बिलकुल भी नहीं है. तो वो रिस्क नहीं लेती हूं.