राम विलास पासवान के परिवार से बंगला ख़ाली कराने के लिए सरकार को भेजनी पड़ी टीम - प्रेस रिव्यू
BBC
पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान को मिले 12 जनपथ वाले बंगले को उनके परिवार से ख़ाली कराने के लिए केंद्र सरकार को एक टीम भेजनी पड़ी. पढ़ें आज के अख़बारों की सुर्ख़ियां.
अंग्रेज़ी अख़बार 'द हिंदू' ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान को मिले बंगले को ख़ाली कराने के लिए केंद्र सरकार ने बुधवार को एक टीम भेजी थी.
अख़बार के मुताबिक़, पासवान साल 1989 से लेकर अपनी मौत (साल 2020) तक 12 जनपथ बंगले में रहे.
आवास एवं शहरी मामलों के केंद्रीय मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले संपदा निदेशालय ने यह बंगला ख़ाली कराया है. तीन दशक पहले सरकार ने यह बंगला आवंटित किया था और आठ महीने पहले बंगला ख़ाली कराने का नोटिस दिया गया था.
लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक राम विलास पासवान को यह बंगला न केवल आवंटित किया गया था बल्कि साल 2000 में पार्टी के गठन के बाद यह पार्टी का दफ़्तर भी था.
पासवान के बेटे चिराग पासवान इस घर को अपने पिता के सम्मान में एक संग्रहालय बनाने की कोशिशों में लगे थे.