राजस्थान BJP में झगड़ा बढ़ा, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने दी इस्तीफे की धमकी
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गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि मुझे पद का कोई मोह नहीं है. जिसने यह ज़िम्मेदारी दी है, उससे कहलवा दो. दो मिनट में इस्तीफ़ा दे दूंगा. लेकिन जब तक ज़िम्मा है, तब तक निष्ठा से निभाऊंगा.
राजस्थान बीजेपी दो गुटों में बंटी नजर आ रही है. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे गुट और पार्टी के दूसरे नेताओं के बीच झगड़ा सुलझने का नाम नहीं ले रहा. इस बीच नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने इस्तीफा देने की बात तक कह डाली. दरअसल, बीजेपी के राज्य प्रभारी अरुण सिंह वसुंधरा गुट के विधायकों को समझाकर दिल्ली चले गए. लगा कि मामला सुलझ गया लेकिन एक बार फिर से विवाद हो गया. विधानसभा में विधायक दल की बैठक में वसुंधरा राजे के कट्टर समर्थक माने जाने वाले कैलाश मेघवाल ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया पर पक्षपात का आरोप लगा दिया. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष मनमाने तरीके से लोगों को विधानसभा में बोलने के लिए चुनते हैं.सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
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हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.