राजकुमार: एक ऐसा फनकार जिसके डायलॉग, मुहावरों की तरह होने लगे इस्तेमाल
NDTV India
राजकुमार ने 25 साल पहले आज ही दिन इन दुनिया को अलविदा कहा था. लेकिन उनका अंदाज कुछ ऐसा था कि उनके मुंह से निकले हुए संवाद आज भी लोगों की जुबां पर है.
फिल्मों के डायलॉग यदि किसी मुहावरे की तरह इस्तेमाल किए जाने लगे तो डायलॉग और संवाद अदायगी करने वाले के लिए इससे बड़ी बात क्या हो सकती है. बॉलीवुड में एक फनकार ऐसा भी हुआ था जिसके बोले गए डायलॉग उनके निधन के ढाई दशक बाद भी मुहावरों की तरह इस्तेमाल किए जाते हैं. आज भी जब किसी को अपने गिरेबां में झांकने की सलाह देनी हो तो लोग बड़ी शान से कहते हैं, 'जिनके अपने घर शीशे के होते हैं वे दूसरे के घरों पर पत्थर नहीं फेंका करते.' आप समझ गए होंगे की हम दिवंगत एक्टर राजकुमार की बात कर रहे हैं. वो स्वैग, वो अंदाज दोबारा पर्दे पर कभी कोई और दिखा नहीं पाया. जिसके दम पर राजकुमार बरसों बरस तक सिल्वरस्क्रीन पर राज करते रहे. गले में मफलर, हाथ में सिगार और संवाद दमदार. यही तो पहचान थी राजकुमार की.More Related News