'ये दाग अच्छे हैं...', योगी कैबिनेट में मंत्री बनाए जाने के बाद बोले ओपी राजभर
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उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ. चार नए मंत्रियों ने आज मंगलवार को शपथ ली. इनमें सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से एक, आरएलडी से एक और बीजेपी से दो विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. इस छोटे से मंत्रिमंडल विस्तार से बीजेपी ने बड़ा संदेश दिया है. एक तरफ पूर्वांचल में विजय का पताका फहराने का इरादा है तो दूसरी ओर पश्चिमी यूपी में प्रचंड जीत का इरादा है.
लोकसभा का समर अपने शिखर पर है. जो राह सत्ता के सिंहासन तक जाती है, उस रास्ते के सारे कील कांटें दुरुस्त किए जा रहे हैं. बीजेपी की ओर से भी प्रचंड जीत की तैयारियां की जा रही हैं. इस क्रम में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ. चार नए मंत्रियों ने आज मंगलवार को शपथ ली. इनमें सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से एक, आरएलडी से एक और बीजेपी से दो विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. इस छोटे से मंत्रिमंडल विस्तार से बीजेपी ने बड़ा संदेश दिया है. एक तरफ पूर्वांचल में विजय का पताका फहराने का इरादा है तो दूसरी ओर पश्चिमी यूपी में प्रचंड जीत का इरादा है.
मंत्री पद की शपथ लेने के बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने आजतक से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि बार-बार हमसे एक ही सवाल होता था कि आखिर मंत्री कब बनेंगे. उस पर तो आज विराम लग गया है. मैं कहता था जिस दिन शपथ होगी, उस दिन राजभर भी शपथ लेगा. वह भी आज प्रमाणित हो गया कि हम कभी झूठ नहीं बोलते हैं.
उन्होंने कहा कि हम हमेशा से आश्वस्त थे और कहते थे कि धैर्य रखिए. वह दिन आएगा जब आपकी भावनाओं की भी कदर होगी और विस्तार भी होगा और हम राजा सरकार में शामिल होंगे.
राजभर के पीले कपड़ों पर गुलाल है, इस पर उन्होंने कहा कि यह फूलों का दाग है और यह दाग अच्छे हैं. कार्य करता हूं. लोगों में उत्साह और जोश है, वह फूल और माला का स्वागत कर रहे हैं, उसका यहां प्रतीक है.
राजभर ने आगे कहा कि लोकसभा में लड़ाई नाम की चीज है ही नहीं. विपक्ष बेमतलब का चिल्ला रहा है. उसकी हवा तो पूर्वांचल में ओमप्रकाश राजभर पहले ही निकल चुके हैं. बची हुई पीएम मोदी ने निकाल दी. पीडीए में क्या केवल राहुल गांधी अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव है, इधर झांक कर देखना चाहिए हजारों की लाइन लगी है. मेरा वोटर मेरे साथ है. उस वोटर को अपने नेता पर विश्वास है. चाहे मऊ हो या बलिया, चाहे अलीगढ़ हो, एटा हो, कन्नौज हो, पूरे प्रदेश में ही नहीं, हर जगह राजभर समाज अब एक हो गया है.
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
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