यूएन में यूक्रेन संकट पर भारत ने नहीं दिया अमेरिका का साथ-प्रेस रिव्यू
BBC
अमेरिका, ब्रिटेन और फ़्रांस समेत 10 देशों ने चर्चा के पक्ष में वोट किया तो भारत, कीनिया और गैबॉन के साथ वोटिंग से बाहर रहा. पढ़ें आज के अख़बारों की अहम ख़बरें.
भारत ने सोमवार को यूक्रेन संकट पर तत्काल तनाव कम करने के लिए कहा है.
भारत ने इस मामले में सभी देशों के उचित सुरक्षा हितों को भी रेखांकित किया. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन पर रूसी हमले के ख़तरे को लेकर चर्चा होनी चाहिए या नहीं, इस पर वोटिंग हुई और भारत इस वोटिंग से बाहर रहा.
अंग्रेज़ी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने इस ख़बर को प्रमुखता से जगह दी है. अख़बार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि इस विषय पर चर्चा हुई और अमेरिका के नेतृत्व में 10 देशों ने चर्चा के पक्ष में वोटिंग की.
भारत के साथ कीनिया और गैबॉन वोटिंग से बाहर रहे. रूस और चीन ने चर्चा के ख़िलाफ़ वोट किया. यह वोटिंग प्रक्रियात्मक थी और इसमें वीटो का प्रावधान नहीं था. इसमें 9 वोटों की ज़रूरत थी. अमेरिका इस बात को लेकर आश्वस्त था कि चर्चा के लिए उसे 9 से ज़्यादा देशों का समर्थन मिल जाएगा.
यह दूसरी बार है, जब भारत ने यूक्रेन संकट को राजनयिक और रचनात्मक वार्ता के ज़रिए सुलझाने के लिए कहा है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, ''भारत इस संकट का समाधान चाहता है और यह तत्काल तनाव में कमी लाकर हासिल किया जा सकता है. इसमें सभी देशों को सुरक्षा हितों का ख़्याल रखना चाहिए. इसका लक्ष्य इस इलाक़े में लंबी अवधि के लिए शांति और स्थिरता होना चाहिए. भारत सभी संबंधित पक्षों के संपर्क में है. 20 हज़ार से ज़्यादा भारतीय छात्र और अन्य लोग यूक्रेन और उसके सीमाई इलाक़ों में रहते हैं.''