मौत सामने देखकर चली गई जान, सख्त कानून ने मुर्दा जिस्म को लगा दी फांसी
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ईरान से फांसी की एक दिल दहलानेवाली खबर आई है. दुनिया का ये शायद पहला ऐसा मामला होगा, जब फांसी के तख्ते पर चढ़ने से पहले फांसी पानेवाली की दहशत से मौत हो गई हो. लेकिन उसकी मौत के बाद भी कानून के नाम पर उसकी लाश को फांसी के फंदे पर लटकाया जाए. ईरान में ये सचमुच में हुआ.
शबनम की फांसी को लेकर चर्चा जोरों पर है. सच्चाई ये है कि फिलहाल शबनम की फांसी दूर-दूर तक होती नजर नहीं आ रही है. इसकी वजह है सलीम. सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग के मुताबिक एक ही जुर्म में अगर एक से ज्यादा लोग शामिल हों तो दोनों को सजा अलग-अलग नहीं दी जा सकती. यहीं मामला फंसा हुआ है. देश में इस वक्त शबनम की फांसी के चर्चे हैं. चर्चा इस बात की भी है कि क्या शबनम फांसी पर चढ़नेवाली देश की पहली महिला होगी? इन चर्चाओं के साथ एक सवाल भी है कि अगर शबनम को फांसी होगी, तो कब होगी? वहीं ईरान से फांसी की एक दिल दहलानेवाली खबर आई है. दुनिया का ये शायद पहला ऐसा मामला होगा, जब फांसी के तख्ते पर चढ़ने से पहले फांसी पानेवाली की दहशत से मौत हो जाए. लेकिन उसकी मौत के बाद भी कानून के नाम पर उसकी लाश को फांसी के फंदे पर लटकाया जाए. लेकिन ईरान में ये सचमुच में हुआ.सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
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