मांगों को लेकर देर रात तक दिल्ली की सड़कों पर डटे रहे डॉक्टर, FORDA ने किया स्वास्थ्य संस्थान बंद रखने का ऐलान
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सोमवार को डॉक्टर दिल्ली के ITO पर विरोध मार्च निकाला रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इस दौरान पुलिस और डॉक्टरों के बीच हल्की झड़प भी हुई, जिसके बाद 12 डॉक्टरों को पुलिस हिरासत में लेने के बाद छोड़ दिया. वहीं, 7 पुलिसकर्मी मामूली रूप से घायल हुए हुए हैं. पुलिस इस मामले में मुकदमा भी दर्ज कर सकती है.
देश में कोरोना के नए वेरिएंट omicron के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन जिन डॉक्टरों के कंधे पर कोरोना के नए वेरिएंट से लड़ने का दारोमदार टिका हुआ है वो पिछले 11 दिनों से दिल्ली सड़कों पर हड़ताल कर रहे हैं. कोरोना के समय में इन युवा डॉक्टरों ने अपनों से दूर रहकर पूरे देश के नागरिकों का साथ दिया। अब समय है पूरा देश डॉक्टरों के साथ खड़े होकर इन पर पुलिस बल प्रयोग करने वाले व इनकी मांगों को अनसुना करने वाले @narendramodi जी को नींद से जगाए डॉक्टरों को झूठा PR नहीं, सम्मान व हक चाहिए। pic.twitter.com/FG04p4U98o एक तरफ कोरोना के तीसरी लहर की आहट है.. दूसरी तरफ देश की राजधानी में जीवन बचाने वाले डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर दिन रात सड़क पर हैं.. लगभग 2500 रेजिडेंट डॉक्टर जो सड़क पर मार्च कर रहे थे उन्हें सरोजिनी नगर के पास हिरासत में ले लिया गया है, आखिर यह तानाशाही कब तक और क्यों pic.twitter.com/2l3YT7LBX9
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.
आज शाम की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 23 नवंबर 2024 की खबरें और समाचार: खबरों के लिहाज से शनिवार का दिन काफी अहम रहा है. महाराष्ट्र में नतीजे आने के बाद सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पर पर अपना दावा ठोका है. सीएम योगी ने यूपी उपचुनाव के नतीजों को पीएम मोदी के नेतृत्व की जीत बताया है.
हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.