महाराष्ट्र: CM चेहरा अबतक नहीं हुआ फाइनल, लेकिन आ गई शपथग्रहण की तारीख, आजाद मैदान में कार्यक्रम!
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भाजपा सूत्रों के मुताबिक, 2 दिसंबर को भाजपा विधायकों की बैठक होगी, जिसमें विधायक अपने दल के नेता का चुनाव करेंगे. इसके बाद 5 दिसंबर को दोपहर करीब 1 बजे मुंबई के आजाद मैदान में मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह होगा.
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री कौन सा चेहरा होगा, इस पर अभी तक सस्पेंस बना हुआ है लेकिन मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह की तारीख सामने आ गई है. भाजपा सूत्रों के मुताबिक, 2 दिसंबर को भाजपा विधायकों की बैठक होगी, जिसमें विधायक अपने दल के नेता का चुनाव करेंगे.
इसके बाद 5 दिसंबर को दोपहर करीब 1 बजे मुंबई के आजाद मैदान में मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह होगा. समारोह में पीएम मोदी समेत बीजेपी के तमाम मुख्यमंत्रियों और अन्य दिग्गजों के जुटने की संभावना है. सूत्रों ने बताया कि किसको किसको क्या मंत्रालय मिलेगा ये तो तीनों पार्टियों के नेता तय करेंगे और आगे का फॉर्मूला भी तीनों दलों के नेता तय करेंगे.
सरकार के गठन को लेकर महायुति में चल रही माथापच्ची के बीच एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना की पहली डिमांड सामने आई है. पार्टी ने गृह मंत्रालय की मांग की है. शिंदे सेना के नेता संजय शिरसाट का कहना है कि महाराष्ट्र की नई सरकार में शिवसेना को गृह विभाग मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि गृह विभाग (आमतौर पर) उपमुख्यमंत्री के पास होता है.
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महायुति को मिली था बंपर जीत
आपको बता दें कि 288 सदस्यों की महाराष्ट्र विधानसभा में महायुति ने 233 सीटों पर जीत हासिल की है जिसमें बीजेपी की 132, शिंदे शिवसेना की 57 और एनसीपी की 41 सीटें शामिल हैं. . बीजेपी ने इस बार चुनाव में 149 उम्मीदवार उतारे थे. जबकि शिवसेना ने 81 और एनसीपी ने 59 प्रत्याशियों को टिकट दिया था.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत मिलने के बावजूद महायुति में अभी तक मुख्यमंत्री के नाम का चयन नहीं हो सका है. बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस का नाम लगातार इस रेस में सबसे आगे बना हुआ है लेकिन एक और नाम की चर्चा हो रही है. केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल के नाम की जैसे ही चर्चा हुई तो उन्होंने तुरंत सफाई दी.
एकनाथ शिंदे के मुंबई में महायुति की बैठक रद्द कर दिल्ली से सीधे सतारा में अपने पैतृक गांव जाने के बाद ऐसी अटकलें थीं कि वह गठबंधन में मुख्यमंत्री पद को लेकर बने गतिरोध से नाराज हैं. हालांकि, शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने इन दावों को खारिज कर दिया और स्पष्ट किया कि पार्टी प्रमुख अस्वस्थ महसूस कर रहे थे, इसलिए अपने गांव गए हैं.