मध्य प्रदेश उपचुनावः शिवराज के लिए क्यों अहम हैं 4 सीटें, हारे तो क्या होगा?
The Quint
Madhya Pradesh by election शिवराज सिंह चौहान ने उपचुनाव में पूरा जोर लगाया है, हालांकि ये 3 विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर ही चुनाव है और इससे सरकार पर कोई खास असर नहीं पड़ने वाला है, लेकिन उनका खुद का प्रदर्शन आलाकमान देख रहा है.
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में 30 अक्टूबर शनिवार को तीन विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव (by election) के लिए मतदान होना है. ऐसे समय में जब मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की चर्चा है, सत्तारूढ़ बीजेपी (BJP) ने पड़ोसी राज्य गुजरात, उत्तराखंड और कर्नाटक में अपने मुख्यमंत्रियों को बदल दिया है और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को बदलने की चर्चाएं सत्ता के गलियारों में प्रमुखता के साथ चल रही हैं.ADVERTISEMENTकयास लगाए जा रहे हैं कि आजकल या अगले महीने में मध्य प्रदेश के सीएम (Shiv raj Chauhan) को बदला जा सकता है, ऐसे समय में मध्य प्रदेश में तीन विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव के क्या मायने हैं. बहरहाल चुनाव के मायने कुछ भी हों, लेकिन एक बात इस उपचुनाव की सबसे खास है और वो यह कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस उपचुनाव के ज़रिए अपने केंद्रीय नेतृत्व और अपने प्रदेश के अन्य बीजेपी नेताओं को अपना लोहा मनवाने में जुटे हुए हैं.यह जानकर हैरानी होगी कि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 1 महीने के अंदर लगभग 60 बैठकें, 40 छोटी बड़ी सभाएं की हैं और उन्होंने 20 रैलियों को संबोधित किया है. इसके अलावा वो पांच बार ग्रामीणों के बीच जाकर उनके सुख-दुख में शामिल हुए हैं.जहां एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने चिर परिचित अंदाज में धुंआधार प्रचार में लगे हुए थे वहीं दूसरी तरफ वह विपक्ष (Congress) के बड़े नेता कमलनाथ (Kamal nath) और दिग्विजय सिंह के निशाने पर रहे.ADVERTISEMENTकिसके पास है कौन सी-सीट?अगर उपचुनाव में सीटों की बात करें तो जोबट विधानसभा और पृथ्वीपुर विधानसभा पर कांग्रेस का कब्जा था, वहीं रैगाव विधानसभा में बीजेपी का विधायक था. दिलचस्प बात ये है कि जोबट और पृथ्वीपुर में, भाजपा ने अपनी पार्टी के किसी व्यक्ति के बजाय विपक्ष से बीजेपी में आए दो दलबदलुओं को अपना प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारने का विकल्प चुना.वहीं बुरहानपुर लोक सभा में अपने सिटिंग एमपी के निधन के बाद उनके बेटे को टिकिट ना देते हुए अन्य व्यक्ति को चुना. चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सीएम के अलावा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर और केंद्रीय मंत्री सिंधिया सहित 40 विधायकों और 12 मंत्रियों को चुनाव प्रचार के लिए तैनात किया गया.ADVERTISEMENTवर्तमान में क्या है मप्र विधानसभा की स्थिति...