मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस का मेघालय तबादला करने के प्रस्ताव के विरोध में उतरे वकील
The Wire
मद्रास हाईकोर्ट के 200 से अधिक वकीलों ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी के तबादले के प्रस्ताव को देश के चीफ जस्टिस को लिखे गए पत्र में ईमानदार व निडर जज के ख़िलाफ़ दंडात्मक क़दम बताया है. 2019 में इसी हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश रहीं जस्टिस विजया के. ताहिलरमानी का तबादला भी मेघालय हाईकोर्ट में किया गया था, जिसके बारे में दायर पुनर्विचार याचिका ख़ारिज होने पर उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया था.
चेन्नईः मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी का तबादला मेघालय किए जाने का विरोध करते हुए मद्रास हाईकोर्ट के 200 से अधिक वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना और सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम को पत्र भेजा है और इस फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है.
वकीलों ने 11 नवंबर को यह पत्र लिखा है और इसमें चीफ जस्टिस को संबोधित किया गया है और इसकी प्रतियां कॉलेजियम के अन्य सदस्यों को भेजी गई है. इस पत्र में तबादले के प्रस्ताव को ईमानदार और निडर न्यायाधीश के खिलाफ दंडात्मक कदम बताया गया है.
इस 12 पन्नों के ज्ञापन में वरिष्ठ अधिवक्ता आर. वैगई और वी. प्रकाश समेत 237 वकीलों ने दस्तखत किए हैं. वकील एनजीआर प्रसाद और सुधा रामलिंगम ने भी पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं.
इसमें कहा गया है कि चीफ जस्टिस बनर्जी का 75 न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या वाले मद्रास हाईकोर्ट से 2013 में स्थापित मेघालय हाईकोर्ट में स्थानांतरण चिंताजनक प्रश्न उठाता है, जिसमें वर्तमान में न्यायाधीशों की संख्या केवल दो है.