भारत से दुश्मनी और चीन से सैन्य मदद, मुइज्जू सरकार के नए कदम से ड्रैगन के जाल में फंस जाएगा मालदीव
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चीन ने बिना किसी शर्त के मालदीव को सैन्य सहायता देने का वादा किया है. हालांकि, यह सैन्य मदद किस तरह की होगी, अभी इस बारे में अधिक जानकारी सामने नहीं आ पाई है. लेकिन दोनों देशों के बीच सैन्य संबंध प्रगाढ़ हुए हैं.
भारत और मालदीव के संबंधों में उतार-चढ़ाव के बीच मालदीव और चीन की करीबियां भी बढ़ रही हैं. दोनों देशों के बीच दो सैन्य समझौते हुए हैं. ये समझौते इन मुल्कों के द्विपक्षीय संबंधों का न्याय अध्याय हैं, वो भी ऐसे समय में जब मालदीव के संबंध भारत के साथ लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं.
मालदीव के रक्षा मंत्री गसन मौमून और चीन सरकार के अंतर्राष्ट्रीय सैन्य सहयोग विभाग के डिप्टी डायरेक्टर मेजर जनरल झांग बाओक्विन के बीच इन समझौतों पर हस्ताक्षर हुए.
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने बिना किसी शर्त के मालदीव को सैन्य सहायता देने का वादा किया है. हालांकि, यह सैन्य मदद किस तरह की होगी, अभी इस बारे में अधिक जानकारी सामने नहीं आ पाई है. लेकिन दोनों देशों के बीच सैन्य संबंध प्रगाढ़ हुए हैं.
इसके अलावा चीन के शोध जहाज शियांग यांग हॉन्ग-3 को लेकर भी एक समझौता हुआ है. यह जहाज हाल ही में मालदीव पहुंचा था. इसे चीन का जासूसी जहाज भी कहा गया. दोनों देशों के बीच हुए इस समझौते से भारतीय सागर क्षेत्र में समुद्री अनुसंधान प्रभावित हो सकता है.
भारत और मालदीव के बीच कैसे शुरू हुआ तनाव?
हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद मालदीव की सरकार के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी के इस दौरे की कुछ तस्वीरों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद गहराया. मामले पर विवाद बढ़ने के बाद इन तीनों मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया गया था.
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