फिल्म प्रमाणन न्यायाधिकरण को समाप्त करने पर फिल्मकारों ने की सरकार की आलोचना
The Wire
कई फिल्मकारों ने इसे विवेकहीन और लोगों को मनचाहा काम करने से रोकने वाला फैसला बताया है. अब फिल्मों को लेकर विवाद होने पर हाईकोर्ट में अपील करना होगा.
नई दिल्ली: चलचित्र प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण (एफसीएटी) समाप्त करने के सरकार के निर्णय की आलोचना करते हुए फिल्मकार विशाल भारद्वाज, हंसल मेहता और गुनीत मोंगा ने बीते बुधवार को कहा कि यह फैसला ‘विवेकहीन’ और ‘लोगों को मनचाहा काम करने से रोकने वाला’ है. केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा फिल्मों में की जाने वाली काट-छांट के विरुद्ध फिल्मकार, कानून द्वारा स्थापित एफसीएटी का दरवाजा खटखटा सकते थे. विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा न्यायाधिकरण सुधार (सुव्यवस्थीकरण और सेवा शर्तें) अध्यादेश 2021, की अधिसूचना रविवार को जारी की गई, जिसके अनुसार कुछ अपीलीय न्यायाधिकरण समाप्त कर दिए गए हैं और उनका कामकाज पहले से मौजूद न्यायिक संस्थाओं को सौंप दिया गया है. सिनेमेटोग्राफी कानून में संशोधन के बाद अब अपीलीय संस्था उच्च न्यायालय है और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से कोई समस्या होने पर हाईकोर्ट में ही अपील करनी होगी.More Related News