फ़्रांस और चीन जिस ऑकस समझौते से चिढ़े हैं, उस पर बोला भारत- प्रेस रिव्यू
BBC
ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका के बीच हुए ऑकस रक्षा समझौते से दुनिया भर में हलचल है लेकिन इस भारत अब तक ख़ामोश था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को अमेरिका के तीन दिन के दौरे पर रवाना हो रहे हैं जहाँ वो अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाक़ात करेंगे और साथ ही शुक्रवार को ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के अलावा जापानी पीएम योशिहिदे सुगा के साथ क्वॉड शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे. दौरे के अंतिम चरण में वो संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे.
मोदी सरकार ने मंगलवार को कहा कि इन बैठकों का हाल ही में घोषित ऑस्ट्रेलिया-यूके-यूएस यानी ऑकस रक्षा समझौते से कोई संबंध नहीं है.
जिस ऑकस रक्षा समझौते से चीन और फ़्रांस बेहद नाराज़ हैं, उस पर मोदी सरकार की ओर से पहली बार कोई टिप्पणी आई है. भारत की इस टिप्पणी से समझा जा रहा है कि उसने इस नई साझेदारी से ख़ुद को दूर रखा है.
भारत के विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने कहा कि क्वॉड शिखर सम्मेलन में महामारी, नई तकनीक, जलवायु परिवर्तन, बुनियादी ढाँचा, समुद्री सुरक्षा, शिक्षा, मानवीय मदद, आपदा राहत पर बात होगी जबकि ऑकस एक रक्षा साझेदारी है.
अंग्रेज़ी अख़बार द हिन्दू ने इस ख़बर को प्रमुखता से जगह दी है. अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक़ श्रृंगला ने कहा, ''हम ऑकस में कोई पक्ष नहीं हैं. हमारे दृष्टिकोण में न तो ये क्वॉड के लिए प्रासंगिक है और न ही इसका हम पर कोई असर पड़ेगा.''