पुलिस प्रताड़ना के ख़िलाफ़ कोर्ट का आदेश, कहा- एलजीबीटी समुदाय को हाशिए पर नहीं छोड़ सकते
The Wire
पुलिस प्रताड़ना के ख़िलाफ़ दो समलैंगिक महिलाओं द्वारा दायर याचिका पर मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि एलजीबीटी समुदाय के संबंधों के प्रति समाज में परिवर्तन की ज़रूरत है. असली समस्या क़ानूनी मान्यता की नहीं बल्कि सामाजिक स्वीकृति की है. हमारा मानना है कि सामाजिक स्तर पर बदलाव होने चाहिए.
नई दिल्ली: एलजीबीटीक्यूआईए+(LGBTQIA+) समुदाय के अधिकारों को मान्यता देते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कई दिशानिर्देश जारी कर कहा कि उनके माता-पिता द्वारा दर्ज कराई गई गुमशुदगी की शिकायतों पर उन्हें पुलिस द्वारा परेशान न किया जाए. The Ministry of Social Justice & Empowerment (MSJE), has to enlist NGOs) including community-based groups which have sufficient expertise in handling the issues faced by the #LGBTQIA+ community. 2/n लाइव लॉ के मुताबिक, पुलिस प्रताड़ना के खिलाफ दो समलैंगिक महिलाओं द्वारा दायर याचिका पर जस्टिस आनंद वेंकटेश की एकल पीठ ने कहा कि एलजीबीटीक्यूआईए+ समुदाय के संबंधों के प्रति समाज में परिवर्तन की जरूरत है. समाज की अस्वीकृति के चलते इस समुदाय को अन्य लोगों के बैर का सामना करना पड़ता है. — The Leaflet (@TheLeaflet_in) June 7, 2021 कोर्ट ने कहा, ‘असली समस्या ये नहीं है कि कानून में ऐसे संबंधों को मान्यता नहीं मिली है, बल्कि दिक्कत ये है कि उन्हें सामाजिक स्वीकृति नहीं मिली हुई है. यही वजह है कि मेरा मानना है कि सामाजिक स्तर पर बदलाव होने चाहिए और जब कानून में भी इसको मान्यता मिल जाएगी, तब समाज द्वारा समलैंगिक संबंधों की स्वीकार्यता के बाद असाधारण बदलाव आएगा.’ न्यायालय ने कहा कि एलजीबीटीक्यूआईए+ समुदाय के प्रति समाज में फैली कुरीतियों को खत्म करने के लिए इस पर कानून बनाने की जरूरत है, ताकि उनके जीवन और सम्मान की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.More Related News