पुराना लैपटॉप हो जाएगा नया, Google का ये OS करेगा काम, बहुत आसान है सेटअप
AajTak
What is ChromeOS Flex: PC मार्केट में विंडोज और Mac OS का कब्जा है. ज्यादातर लोग इन्हीं दोनों प्लेटफॉर्म को यूज करते हैं. हालांकि, थोड़ा बहुत मार्केट Google के Chromebook का भी है, जो Chrome OS पर काम करता है. ऐसे में गूगल ने Chrome OS Flex को इंट्रोड्यूस किया, जो आपके पुराने लैपटॉप को नया बना सकता है. आइए जानते हैं इसकी डिटेल्स.
क्या आपका लैपटॉप पुराना हो गया है और बहुत स्लो काम करता है? ऐसे में ज्यादातर लोग एक नया लैपटॉप लेने की प्लानिंग करते हैं, लेकिन पुराने का क्या होगा? ये सवाल टेक कंपनियों के सामने भी है. दुनियाभर में ई-वेस्टेज बढ़ रहा है और ऐसे में क्या हो अगर आपका पुराना लैपटॉप एक सॉफ्टवेयर की मदद से नया हो जाए.
Google ने इस मार्केट को समझा और अपना एक प्रोडक्ट इस सेगमेंट में लॉन्च किया. हम बात कर रहे हैं Chrome OS Flex की. अगर आप PC मार्केट को देखेंगे, तो यहां दो ही तरह के ऑपरेटिंग सिस्टम आपको मिलते हैं. एक तो विंडोज, जो लंबे समय से इस मार्केट पर कब्जा जमाए हुए है.
दूसरा MacOS जिसे आप सिर्फ ऐपल के डिवाइसेस पर ही यूज कर सकते हैं. गूगल ने इन दोनों के बीच एक मार्केट खोजा, जो पुराने लैपटॉप्स के लिए है. वैसे तो क्रोमबुक के तमाम ऑप्शन आपको बाजार में मिल जाएंगे, लेकिन ये बहुत ज्यादा पॉपुलर नहीं है. मगर Chrome OS Flex आपके पुराने लैपटॉप को नया कर सकता है. आइए जानते हैं इसकी डिटेल्स.
ChromeOS Flex एक अल्टरनेटिव ऑपरेटिंग सिस्टम है, जो वर्चुअली ChromeOS को एक आउटडेटेड कंप्यूटर पर इंस्टॉल कर सकता है. चाहे आपके पास विंडोज लैपटॉप हो या फिर मैक, ये दोनों पर ही काम करता है. इस पर आपको लगभग वे सभी फीचर्स मिलते हैं, जो आपको एक Chrome OS पर मिलता है.
Chrome OS Flex के लिए आपको एक USB ड्राइव की जरूरत होगी. इसे सेटअप करने में मामूली सा वक्त लगता है. इसके लिए आपको एक बूटेबल Chrome OS Flex ड्राइव क्रिएट करनी होगी, जिससे आप Chrome OS Flex को इंस्टॉल करने से पहले ट्राई कर सकते हैं. जब आपको लगे कि आप अपने सिस्टम को क्रोम ओएस पर अपग्रेड करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, तो इसे डाउनलोड करें.
आपको अपने कंप्यूटर पर Chrome OS Flex डाउनलोड करना होगा. इसके बाद आपको इसे इंस्टॉल करना होगा और सारे स्टेप्स को फॉलो करना होगा. ध्यान रहे कि इन स्टेप्स को फॉलो करने से पहले आप किसी YouTube वीडियो के देख लें. क्योंकि कुछ स्टेप्स थोड़े कॉम्प्लिकेटेड होते हैं, जिसकी वजह से आपको थोड़ी मदद की जरूरत पड़ेगी.
Delhi Pollution: सर्द मौसम की शुरुआत होने के साथ ही दिल्ली की हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है. आलम यह है कि नवंबर के मध्य में ही दिल्ली में धुंध की एक मोटी परत छा गई है, जिससे लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है. लोगों को सांस लेने में समस्या से लेकर गले में जलन तक की परेशानी से जूझते हुए देखा जा रहा है.
Redmi A4 5G Launch in India: Xiaomi के सस्ते फोन Redmi A4 5G को खरीदते हुए आपको सावधान रहने की जरूरत है. ये फोन 5G सपोर्ट के साथ तो आता है, लेकिन इस पर आपको Airtel 5G का सपोर्ट नहीं मिलेगा. कंपनी ने लॉन्च इवेंट में तो इस बारे में जानकारी नहीं दी थी, लेकिन स्पेक्स पेज पर एक छोटी डिटेल जरूर दी है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.
UP Police Recruitment Scam: यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड ने 2020-21 में सब-इंस्पेक्टर, प्लाटून कमांडर और अग्निशमन अधिकारी के पदों के लिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की थी. जांच में सामने आया कि सात अभ्यर्थियों ने अलग-अलग परीक्षा केंद्रों पर सॉल्वर गैंग की मदद से अपनी जगह सॉल्वर गैंग के डमी कैंडिडेंट्स को बैठाया था.
Hyundai Ioniq 9 साइज में काफी बड़ी है और कंपनी ने इसके केबिन में बेहतर सीटिंग अरेंजमेंट के साथ इसके व्हीलबेस को भी लंबा बनाया है. इसमें थर्ड-रो (तीसरी पंक्ति) में पीछे की तरफ घूमने वाली सीट दी गई है. इसके अलाव ये कार व्हीकल टू लोड (V2L) फीचर से भी लैस है, जिससे आप दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को भी पावर दे सकते हैं.
इस प्रक्रिया की सफलता की जांच करने के लिए पहले मॉक टेस्ट का आयोजन किया जाएगा. मॉक टेस्ट में चार अलग-अलग पारियों में 400 स्टूडेंट्स को बुलाया जाएगा, और इसके लिए छात्रों को 23 नवंबर तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा. अगर यह टैबलेट बेस्ड टेस्ट प्रक्रिया सही तरीके से आयोजित होती है, तो भविष्य में कर्मचारी चयन बोर्ड की छोटी भर्ती परीक्षाओं के लिए भी टैबलेट मोड पर परीक्षा आयोजित करने की योजना बनाई जाएगी.
गुड़गांव की सबसे महंगी सोसायटी ‘द कैमिलियास’ में फ्लैट का मालिक होना एक स्टेटस सिंबल माना जाता है. यहां रहना हर किसी का सपना होता है, लेकिन भारत में शायद 0.1% लोग ही इस सपने को पूरा करने की क्षमता रखते हैं. फिर भी, आम लोगों के मन में हमेशा यह सवाल रहता है कि आखिर करोड़ों के इन फ्लैट्स का अंदरूनी नजारा कैसा होता है.