पीएम मोदी को डॉक्टरों पर गर्व है लेकिन उन पर होने वाले हमले कैसे रुकेंगे?
BBC
आज नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जा रहा है लेकिन ऐसा क्यों है कि बड़ी संख्या में डॉक्टर अपने काम के दौरान हिंसा का शिकार हो जाते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 महामारी के दौरान बीमार लोगों का इलाज करने वाले डॉक्टरों के प्रति कई बार आभार व्यक्त किया है और उनके अथक प्रयासों की सराहना की है. उनके संबोधनों को सुनने वाले डॉक्टरों में कई ऐसे होंगे जिनके साथी या क़रीबी अपनी ड्यूटी के दौरान मरीज़ के नाराज़ परिजनों की हिंसा का निशाना बन चुके हैं. ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि आंकड़े बताते हैं कि तक़रीबन 75 प्रतिशत डॉक्टर अस्पतालों में कभी न कभी हिंसा का सामना कर चुके हैं. ऐसे ही एक डॉक्टर हैं फ़रीदाबाद के संदीप गर्ग जिनके साथ पिछले सप्ताह एक निजी अस्पताल में मारपीट हुई. डॉ गर्ग का कहना है कि मरीज़ों के नाराज़ रिश्तेदारों ने सड़क दुर्घटना में घायल अपने रिश्तेदार की मौत की सूचना मिलने पर बिना कुछ सुने-समझे उन पर हमला कर दिया. डॉ. गर्ग बताते हैं, "मरीज़ को पिछली रात गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था और उनकी जान बचाने की कोशिश हो रही थी. मैं सुबह की ड्यूटी पर था. मैं उनका इलाज़ नहीं कर रहा था लेकिन उसी वार्ड में मौजूद था. मरीज़ के रिश्तेदारों को जब उनकी मौत की सूचना मिली तो वे वार्ड के भीतर घुस आए और उन्होंने मुझे गालियाँ दीं और दो-तीन घूँसे मारे. मैं किसी तरह अपना कॉलर छुड़ाकर वहाँ से अंदर भागा." डॉ. गर्ग बताते हैं कि अस्पताल के मैनेजरों ने किसी तरह उन्हें समझा-बुझाकर मामला शांत किया. वो कहते हैं, "यह एक बुरा अनुभव ज़रूर है लेकिन ये हैरत की बात नहीं है. डॉक्टरों के साथ ऐसा अक्सर होता रहता है."More Related News