पाकिस्तान: बलूचिस्तान में सुरक्षा बलों पर हमलों के पीछे मजीद ब्रिगेड कौन है?
BBC
मजीद ब्रिगेड और उनके नेताओं के नाम पहली बार दिसंबर 2011 में क्वेटा में हुए हमले के बाद सामने आए थे. उसके बाद 2018 तक इस ब्रिगेड की तरफ़ से कोई बड़ा हमला नहीं हुआ. लेकिन 2018 से अब तक कई हमले यह समूह कर चुका है.
क्वेटा में सर्दियों की एक शाम, अरबाब अकरम ख़ान रोड पर एक घर के बाहर एक कार आकर रुकी, और इसके बाद एक ज़ोरदार धमाका हुआ. यह घर पूर्व संघीय मंत्री नसीर मेंगल के बेटे शफ़ीक़ मेंगल का था और यह घटना 30 दिसंबर 2011 को हुई थी.
इस हमले में शफ़ीक़ मेंगल सुरक्षित बच गए, जबकि उनके गार्ड्स सहित 10 लोग मारे गए और 23 लोग घायल हो गए. इस हमले की ज़िम्मेदारी प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन आर्मी ने लेते हुए कहा कि इस हमले को मजीद ब्रिगेड के एक युवा आत्मघाती हमलावर दरवेश ने अंजाम दिया था.
मजीद ब्रिगेड और उनके नेताओं के नाम पहली बार इसी हमले के बाद सामने आए थे. उसके बाद इस ब्रिगेड की तरफ़ से कोई बड़ा हमला नहीं हुआ.
क़रीब सात साल के बाद अगस्त 2018 को बलूचिस्तान के सोने और तांबे के भंडार वाले चाघी जिले की राजधानी दलबंदिन में एक ट्रक और बस की आमने-सामने टक्कर हो गई, बस में चीनी इंजीनियर सवार थे, जिसमे तीन चीनी इंजीनियरों समेत पांच लोग घायल हो गए.
बीएलए की मजीद ब्रिगेड ने इस हमले की ज़िम्मेदारी ली और कहा कि हमलावर एक युवा रेहान था, जो मजीद ब्रिगेड के प्रमुख असलम उस्ताद उर्फ़ असलम अच्छो का बेटा था.